मंगलवार को शहर के करीब ग्राम कोडासिया मे 12 हाथियों का दल आ धमका, इसमे एक मादा के अलावा एक छोटा शावक भी है। यह दल कोडासिया के प्राथमिक शाला के करीब पहुंच गया। प्राथमिक शाला गांव के बेहद करीब है, जिसके कारण देखते ही देखते ग्रामीणो का हुजूम यहां इकट्ठा हो गया है। किसी ने पुलिस को इस बात की सूचना दी है, जिससे तत्काल पुलिस यहा पहुंचकर ग्रामीणो को हाथियों के दल से दूर करती नजर आई। इस दौरान वनविभाग की ओर से यहां मात्र एक नाका पहुंचा था, जिसके लिए हाथियों को आबादी वाले क्षेत्र से दूर भगाना बिल्कुल भी संभव नही था। ग्राम कोडासिया मे हाथियों की दस्तक के बाद आस-पास के गांव मे भी दहशत फैल गई और लोग इकट्ठा होकर रात के दौरान मशाल जलाकर रतजगा करने की बात कह रहे थे।
शराब की गंध से बेबस हाथी : यहां का अधिकांश हिस्सा आदिवासी बाहुल्य है, यहां के आदिवासी अपने सेवन के लिए घर मे हंडिया नामक शराब का निर्माण करते हैं। बताया जाता है कि हंडिया शराब की गंध हाथियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। वनविभाग की ओर से ग्रामीणों को घर मे कच्ची शराब ना बनाने की बार-बार हिदायत दी जाती है। वनविभाग की माने तो कच्ची शराब के गंध से अक्सर हाथी रिहायसी ईलाको मे प्रवेश करते हैं। बताया जाता है कि हाथी हंडिया नामक शराब के शौकिन होते है, जिसके कारण ये रिहायसी ईलाको मे घुसकर ग्रामीणो की फसल एवं मकान को तोडक़र वहां रखा अनाज व शराब को अक्सर चट कर जाते हैं।