बुनियादी सुविधाओं का है आभाव : ग्राम पंचायत अमडीहा का आश्रित गांव कदेलकछार, घाघराडीपा में लगभग 20 परिवार निवास करते हैं। इस गांव से सड़क, पानी और बिजली जैसी सुविधा सिरे से नदारद है। यहां के ग्रामीण परनु साय, विमला बाई बताती है कि घाघराडीपा तक पहुंचने के लिए खेत की पगडंडी ही एकमात्र सहारा है। बारिश के मौसम से बस्ती तक पहुंचना आसान नहीं है। सरपंच गुलाब साय ने बताया कि बस्ती तक पहुंचने के लिए सड़क की मांग की जा चुकी है। लेकिन अब तक इसे स्वीकृति नहीं मिल पाई है। ग्रामीणों को सबसे अधिक परेशानी किसी गंभीर मरीज को चिकित्सालय तक पहुंचाने में होती है। आपात स्थिति में घाघराडीपा तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है। मजबूरी में मरीज को कांधे के सहारे एंबुलेंस या मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ताा है। वहीं बिजली का मामला सालों से सर्वे के जाल में फंसा हुआ है। विद्युतीकरण के लिए विभाग ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है, लेकिन अंधेरे में डूबे इस गांव में कब तक रोशनी पहुंचेगी, यह किसी को नहीं मालूम है। पानी के लिए भी ग्रामीणों को बरसात से लेकर गर्मी तक परेशान होना पड़ता है। इस गांव में हैंडपंप तक नही है। कच्चे कुंआ और ढोढ़ी का पानी पी कर ग्रामीण अपना दिन गुजार रहे हैं। गांव की इस बदहाली से यहां के ग्रामीणों काफी परेशान है।
हादसा होने के बाद भी युवक जा रहे गोवा : कदेलकछार गांव में रोजगार के लिए पलायन लंबे अर्से से चल रहा है। इस गांव के अधिकांश लोग रोजगार के लिए गोवा जाते हैं। यहां मछली पकडऩे वाले शिप में मजदूरी का काम करते हैं। इस काम से ग्रामीणों को महिना 10 से 15 हजार रूपए की आय हो जाती है।
जागरूकता की कमी से नहीं मिल रही सफलता : रोजगार के लिये पलायन कर रहे ग्रामीणों को पंचायत के पंजि में जानकारी दर्ज करने की समझाईश दी जा रही है। लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से सफलता नहीं मिल रही है। बिजली के लिये सर्वे पूरा हो चुका है। जल्दी विद्युतीकरण का काम शुरू होने की उम्मीद है। सड़क और पानी की सुविधा के लिए प्रयास किया जा रहा है।
– गुलाब साय, सरपंच,अमडीहा
– गुलाब साय, सरपंच,अमडीहा