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दो दिनों की मूसलाधार बारिश के बाद किसानों के खिल गए हैं चेहरे, खेतों में पानी भरने से मिट्टी पर्याप्त मात्रा में हुई गीली

locationजशपुर नगरPublished: Jun 24, 2019 02:40:56 pm

Submitted by:

Murari Soni

इस साल भले ही मानसून में देरी हुई हो, लेकिन बीते दो तीन दिनों से पूरे जिले में अच्छी बारिश होने के कारण खेती के कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है।

Happy farmer after rain in Chhattisgarh

दो दिनों की मूसलाधार बारिश के बाद किसानों के खिल गए हैं चेहरे, खेतों में पानी भरने से मिट्टी पर्याप्त मात्रा में हुई गीली

जशपुरनगर. इस साल भले ही मानसून में देरी हुई हो, लेकिन बीते दो तीन दिनों से पूरे जिले में अच्छी बारिश होने के कारण खेती के कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है। खेत में पानी भरने और मिट्टी पर्याप्त गीली हो जाने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। शनिवार को जिले में कुल 297.07 मिमी बारिश हुई। जिले में औसत बारिश 37.02 मिमी रिकार्ड की गई। बीते 10 सालों के आधार पर 1 जून से अब तक 82.06 मिमी बारिश हो जानी थी। लेकिन 22 जून तक जिले में औसत बारिश 57.08 मिमी ही हुई है। किसानों का कहना है कि खेती का काम शुरु करने के लिए यह पर्याप्त है। अभी मानूसन पूरी तरह सक्रिय नहीं हुआ है।
पूरी तरह मानसून सक्रिय होने पर खेती कार्य में और अधिक गति आएगी। शनिवार को पूरे जिले में अच्छी बारिश हुई। सबसे अधिक बारिश जशपुर व कुनकुरी तहसील में रिकार्ड की गई। अब किसानों के खेतों में हल चलने शुरु हो गए हैं।
इस साल यहां मानसून में देरी हुई है। जिसका असर खेती पर भी पड़ा है। खेती में भी देरी हुई है। लेकिन बीते दो दिनों से बीच बीच में हो रही बारिश से कृषि की रफ्तार बढ़ी है। इस साल कृषि विभाग ने कु़ल 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में धान के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य के विरुद्ध अब तक करीब 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खुर्रा बोनी हो चुकी है। कुछ फसलों में धान के पौधे बढऩे लगे हैं। बारिश के अभाव में जिले की खेती थोड़ी पिछड़ गई है।

धान की ३० प्रतिशत तक हो चुकी बोनी : जिले में अब तक केवल 32 फीसदी ही बोनी हो पाई है। कृषि विभाग ने इस साल खरीफ सीजन में दलहन-तिलहन की फसल को अधिक बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। अनाज में 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य है। वहीं दलहन की फसल 36 हजार 920 एवं तिलहन की फसल 38 हजार 100 हेक्टेयर में लेने का लक्ष्य विभाग ने रखा है। मौसम की अनिश्चितता के कारण बीते करीब पखवाड़े भर से किसान परेशान रहे। बीते दो-तीन दिनों में हुई बारिश से खेत की मिट्टी जरुर गीली हो गई है। जिससे अब किसान जोताई और कोड़ाई में व्यस्त हो गए हैं। इस साल अभी तक औसत से कम बारिश को लेकर किसान काफी परेशान हैं। वे अभी भी अच्छी बारिश होने की उम्मीद कर रहे हैं।
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