script15 साल से कर रहे इंतज़ार, सरकारी परियोजना से प्रभावितों को अब तक नहीं मिला मुआवजा | Impact of Reservoir Projects Not Received So Far | Patrika News

15 साल से कर रहे इंतज़ार, सरकारी परियोजना से प्रभावितों को अब तक नहीं मिला मुआवजा

locationजशपुर नगरPublished: Mar 19, 2019 06:02:34 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

किसान मुआवजे की रकम के लिए लगा रहे दफ्तरों के चक्कर

Barmer Patrika Bulletin 16.03.2019

Barmer Patrika Bulletin 16.03.2019

जशपुरनगर. जिले के किसानों को सिंचाई का लाभ देने के लिए दो बड़े जलाशय परियोजना का निर्माण किया गया है, इन दोनो परियोजना का निर्माण पूरा हो जाने के बाद किसानों को ना तो इसका लाभ मिल पा रहा है और ना ही परियोजना के विस्थापितों को अब तक मुआवजा मिला पाया है। मुआवजा पाने के लिए ग्रामीण दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हो रहे हैं।
जिले के सबसे बड़े बांध खमगड़ा जलाशय परियोजना के विस्थापितों को 15 साल गुजर जाने के बाद आज तक मुआवजा राशि के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामीण ईश्वर रावत, अटल साय, भगत पैंकरा, रामवती सिदार, जागेश्वर पैंकरा, पहर साय सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि 114 लोग प्रभावित है जिनको मुआवजा राशि के लिए वर्षो से दफ्तरों का चक्कर काटना पड़ रहा है। ग्रामीण परमा यादव, दुलार सिदार, सियाराम के मुताबिक 23 लोगों का मुआवजा प्रकरण बनकर तैयार हैं उसके बाद भी उन्हें मुआवजा के लिए भटकना पड़ रहा है। शेष 91 लोगों के प्रकरण एमडब्लूएलके लाईन के मुताबिक 35 मीटर के दायरे में है उन्हें पुन: राजस्व अधिकारियों से जांच कराकर मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।ग्रामीणों के द्वारा कलक्टर को दिए आवेदन में जिन 23 लोगो का मुआवजा प्रकरण स्वीकृत हुआ है उसका बिंदुवार जानकारी प्रदान किया गया है, ग्रामीणों के अनुसार यह जानकारी वर्ष 2007 में जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा प्रदान किया गया था वर्ष 2007 में बनाए गए मुआवजा राशि के अनुसार ही करोड़ो रुपए से अधिक की राशि विभाग को भुगतान करना होगा। ग्रामीणों ने प्रभावित हितग्राही के नाम मकान एरिया जिसकी लंबाई, खसरा नंबर, लेबल, दूरी और वर्ष 2007 में बढ़ाए गए मुआवजा राशि की सभी जानकारी उपलब्ध किया गया है।

बेलसुंगा जलाशय का भी नहीं मिला मुआवजा : कुनकुरी ब्लाक में 16 करोड़ की लागत से बेलसुंगा जलाश्य का निर्माण कराया गया था। जलाशय के निर्माण होने से किसानों में भी खुशी थी कि कम से कम उन्हें दो फसल के लिए पानी तो मिलेगा। उनका यह उम्मीद उम्मीद ही बन कर रह गया ना तो किसानों को पानी मिल रहा है और तो और किसानों को उनके जमीन के एवज में मुआवजा भी नहीं मिल पाया है। वहीं इस सिंचाई परियोजना के लिए राज्य सभा सांसद की भी जमीन अधिग्रहित की गई है। जमीन अधिग्रहित होने के बाद शासन प्रशासन के द्वारा यहां के प्रभावितों को भी उनके जमीन का मुआवजा नहीं मिल पाया है। कुनकुरी विकासखंड मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर बेलसुंगा जलाशय किसानों को लाभ देने के बजाए उनकी परेशानियों का सबब बन गया है। जानकारी के अनुसार 2003 में इस जलाशय के निर्माण की शुरुआत हुई थी। लेकिन इतने सालों के बाद भी आज तक यहां के किसी भी किसान को इस जलाशय का लाभ नहीं मिल पाया।
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