राजीवगांधी विद्युतीकरण योजना का नहीं मिल सका लाभ, मार्च 2019 तक काम पूरा करने का है लक्ष्य, अबतक 70 गांवों का काम पूरा
तनवीर आलम
जशपुरनगर. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवाई) के जरिए जिले के गांवों को रोशन नहीं कर पाने के बाद अब दीन दयाल योजना के तहत उजाला करने की कोशिश की जा रही है। पहले भी करोड़ों रुपए खर्च कर कोई बहुत अच्छा परिणाम नहीं आने के बाद अब दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति(डीडीयूजीवाई) योजना के जरिए दांव खेला जा रहा है। पूर्व में आरजीजीवाई में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद अब डीडीयूजीवाई में करोड़ों रुपए जिले मे विद्युतिकरण के लिए खर्च करने का काम शुरू हो चुका है। इस योजना से जिले के 7 विकासखंडों के 684 मोहल्लों के अंधेरे को दूर करते हुए ज्योति लाने की कार्य चल रहा है।
छत्तीसगढ़ विद्युत बोर्ड की जिला परियोजना शखा से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के 7 विकासखंड के 202 ग्राम अंधेरे में हैं। वहां बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इस संबंध में परियोजना शाखा जशपुर के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर(ईई) टीआर राजवाड़े ने बताया कि आरजीजीवाई योजना का नाम बदलकर डीडीयूवाई किया गया है। यह पूरी तरह से केंद्र की योजना है। इसके तहत जशपुर जिले के 7 विकासखंडों के 202 गावों के 684 मोहल्लों को रोशन करने का काम जारी है। इसके तहत वर्तमान में 70 मोहल्लो तक विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है और 110 मोहल्लों में काम जारी है। वहीं 504 मोहल्लों में काम शुरू होना बाकि है। दरअसल जिले के 614 मोहल्ले अंधेरे में डूबे हैं। यहां निवासरत ग्रामीण अंधेरे में जीवन यापन कर रहे हैं। विभाग ने दो साल में काम पूरा करते हुए सभी विद्युत विहीन ग्रामों व मोहल्लों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
दो जगह सब स्टेशन का निर्माण दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के तहत जिले में लगभग 80 करोड़ रुपए की लागत से विद्युत विहीन ग्रामों तक बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इस संबंध में परिजयोजना के ईई राजवाड़े ने बताया कि डीडीयूवाई के तहत ही जिले में दो स्थान पर बिजली सप्लाई के लिए बस स्टेशन का भी निर्माण किया जा रहा है। यह सब स्टेशन एक जिला मुख्यालय जशपुर के नजदीकी क्षेत्र ग्राम आरा के बोकी गांव में और एक फरसाबहार विकासखंड के ग्राम गंझियाडीह में स्थापित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि बोकी का काम लभगभ पूरा हो चुका है। गंझियाडीह का काम जारी है। दोनो सब स्टेशन के शुरू हो जाने से ग्रामीण इलाकों में निर्बाध बिजली सप्लाई का काम हो सकेगा।
रायपुर की कंपनी कर रही है काम आरजीजीवाई योजना के तहत कई गावों में विद्युतीकरण के नाम पर सिर्फ खंभा गाड़कर ठेका लेने वाले कंपनियों के भाग जाने का मामला आम था। पूर्व योजना में चेन्नई की कंपनी ने काम लेकर कई इलाकों में अधूरा काम छोड़ा और भाग लिया। कई बिजली मजदूरों को मजदूरी भी नहीं मिली। वे हमेशा बिजली विभाग का चक्कर ही काटते रहे। डीडीयूवाई का काम रायपुर की केके कंस्ट्रक्शन कंपनी ने लिया है। ईई राजवाड़े ने बताया कि केंद्र और राज्य दोनो के इंजीनियर काम पर नजर बनाए हुए हैं। किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर कार्रवाई की जाएगी।
अंधेरे में सांप और हाथी का संघर्ष अंधेरो में गुजारा कर रहे जिले के 684 गांवों के अधिकांश क्षेत्रों में सांप और हाथियों का खतरा मंडराता रहता है। खासतौर पर जिले के फरसाबहार, कुनकुरी, मनोरा और जशपुर में हाथियों का आतंक छाया रहता है। वहीं जशपुर के गावों में सांप का खतरा बना रहता है। बिजली के अभाव में सर्पदंश और हाथियों के आक्रमण का मामला ग्रामीणों को सबसे अधिक क्षति पहुंचा रहा है। बिजली पहुंच जाने से निश्चित ही उन्हें इस समस्या से निजात मिलेगी।
सात विकासखंड के 684 मोहल्लों विकासखंड मोहल्ला ग्राम
बगीचा – 283 – 62
पत्थलगांव – 114 – 28
दुलदुला – 60 – 27
मनोरा – 55 – 24
कुनकुरी – 80 – 27
जशपुर – 40 – 23
फरसाबहार – 57 – 11
कुल – 684 – 202
डीडीयूवाई योजना के तहत जिले के 684 मोहल्लो में विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसे पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2019 तक शासन की ओर से दिया गया है।
टीआर राजवाड़े, ईई सीएसईबी जिला परिजयोजना जशपुर