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मिडिल से हाई स्कूल बनी रजला स्कूल में आज भी बुनियादी सुविधा का अभाव

locationजशपुर नगरPublished: Nov 03, 2018 11:38:39 am

Submitted by:

Amil Shrivas

एक हाई स्कूल ऐसा भी जहां पीने के पानी की सुविधा तक नहीं मयस्सर, विद्यार्थी होते रहे हैं परेशान

Jashpur News

मिडिल से हाई स्कूल बनी रजला स्कूल में आज भी बुनियादी सुविधा का अभाव

जशपुरनगर. मिडि़ल से उन्नयन होकर हाई स्कूल बने स्कूल में आज भी बुनियादी सुविधाओं का आभाव है। इस स्कूल में पानी की कोई सुविधा नहीं होने के कारण यहां के छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षकों को स्कूल से तीन किलोमीटर दूर जाकर बाईक में पानी लाना पड़ता है। वहीं पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने कारण स्कूल में बना शौचालय का भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को शिक्षा से जोडऩे के लिए शासन के द्वारा प्रत्येक किलोमीटर में प्राथमिक शाला एवं प्रत्येक ५ किलोमीटर के अंदर में हाईस्कूल की स्थापना कर दी गई है। वहीं कई मिडि़ल स्कूलों को उन्नयन कर उसे हाईस्कूल बना दिया गया है। मिडि़ल स्कूलों का उन्नयन करने के दौरान यहां की बुनियादी सुविधाओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया और उसे उन्नयन कर दिया गया है। जिले के मनोरा विकासखंड के शासकीय हाईस्कूल रजलापाठ की भी यही स्थिति है। रजलापाठ में स्थित माध्यमिक शाला को वर्ष २००७ में उन्नयन कर उसे हाईस्कूल बना दिया गया है। लेकिन इस स्कूल के उन्नयन हो जाने के ११ वर्ष के बाद भी कोई बुनयादी सुविधा उपलब्ध नहीं है। रजलापाठ हाईस्कूल में कुल ७८ छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं जिसमें ४० छात्र एवं ३८ छात्राएं शामिल हैं। लेकिन इस स्कूल में पानी और बिजली की कोई सुविधा नहीं है। यहां के शिक्षको ने बताया कि स्कूल में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ता है। स्कूल के आसपास भी कोई पानी की सुविधा नहीं है, स्कूल में यदि पानी लाना भी होता है तो ढाई से तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

छात्रावास का भी नहीं हो रहा है उपयोग: रजलापाठ हाईस्कूल के बगल में एक छात्रावास के लिए भवन भी बनाया गया है। लेकिन जिस स्थान में स्कूल भवन स्थित है वहां किसी भी प्रकार का कोई बुनियादी सुविधा नहीं है जिसके कारण इस छात्रावास भवन का कोई उपयोग ही नहीं किया जा रहा है। रजला पाठ स्कूल के पास ना तो पानी की कोई सुविधा है और ना ही बिजली है, यहां तक स्कूल तक पंहुचने के लिए आज तक सड़क भी नहीं बन पाया है। एैसे ही पहाड़ी रास्ता का उपयोग कर इस स्कूल में अध्ययन करने के लिए छात्र-छात्राएं पंहुचती हैं।
बोरिंग गाड़ी रास्ते से ही हो गया था वापस : रजलापाठ हाईस्कूल में पानी की समस्या को देखते हुए यहां के शाला प्रबंधन समिति के द्वारा पेयजल की परेशानी को देखते हुए कई बार उच्चाधिकारियों से मांग की गई थी। उनके मांग करने पर स्कूल के पास एक बोरिंग स्वीकृत भी हो गया था।
पानी के अभाव में नहीं हो रहा शौचालय का उपयोग : रजलापाठ के मिडि़ल स्कूल का हाईस्कूल में उन्नयन होने पर यहां स्कूल भवन बनाया गया है। स्कूल भवन बनाने के समय में ही यहां छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय का निर्माण भी कराया गया है। लेकिन स्कूल के शौचालय का उपयोग यहां के छात्र-छात्राओं के द्वारा नहीं किया जाता है। यहां के छात्र-छात्राओं ने बताया कि स्कूल में पानी का अभाव होने के कारण ही स्कूल में बने शौचालय का उपयोग नहीं करते हैं। शौचालय का उपयोग नहीं होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी यहां अध्ययनरत छात्राओं को उठाना पड़ता है।
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