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बीच शिक्षण सत्र में इधर से उधर किए जा रहे हैं व्याख्याता, बच्चों के पढ़ाई पर पड़ेगा असर

locationजशपुर नगरPublished: Sep 08, 2018 01:02:34 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

शिक्षकों का ट्रांसफर मई-जून में करने के निर्देश दिए

jashpur

बीच शिक्षण सत्र में इधर से उधर किए जा रहे हैं व्याख्याता, बच्चों के पढ़ाई पर पड़ेगा असर

पत्थलगांव. जिले का शिक्षा विभाग शिक्षा व्यवस्था के नाम पर न सिर्फ शिक्षकों बल्कि सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के साथ भी मजाक करने में आमादा है। मई-जून में किए जाने वाला शिक्षण व्यवस्था सितम्बर के पहले सप्ताह में किया जा रहा है, जिससे सवाल उठना लाजमी है कि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले उन हजारों बच्चों का क्या दोष है, जिन्हें शिक्षण सत्र के बीच में शिक्षकों के इधर से उधर होने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राज्य शासन ने शिक्षकों का ट्रांसफर मई-जून में करने के निर्देश दिए थे। इसके पीछे कारण यही था कि ट्रांसफर का असर बच्चों की पढ़ाई पर न पड़े। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जशपुर शासन के मंशा के विपरीत काम कर रहा है। अब समस्या सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों पर है। शिक्षण सत्र का तीसरा महीना गतिमान है और ऐसे में जिले भर के व्याख्यताओं को इधर से उधर किए जाने का सीधा असर अध्यापन व्यवस्था पर पड़ेगा।
महिला शिक्षिकाओं की समस्या बढ़ी : 4 सितम्बर को जारी हुए इस आदेश में कई महिला शिक्षिकाओं के नाम भी शामिल हैं। जिन्हें एक जगह से दूसरे जगह पर शिक्षण व्यवस्था के तहत आदेशित किया गया है। भरी बरसात में इस तरह के आदेश जारी करना शिक्षकों को प्रताडि़त करने जैसा प्रतीत होता हैै। छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि शिक्षा सत्र के बीच में ये करना सही नहीं। उन्होने कहा कि यदि शिक्षण व्यवस्था के तहत ऐसा किया ही जाना था तो शिक्षकों से विकल्प पत्र अथवा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के प्रस्ताव उपरान्त इस तरह के आदेश जारी किए जाने चाहिए।
लिपिक संघ अध्यक्ष ने कहा अब नही करेंगे हड़ताल
जशपुरनगर. लिपिक वर्ग के कुछ संगठनो ने अपनी लंबित मांगो को लेकर अनिश्चित कालिन हड़ताल पर जाने की सूचना प्रसारित की जा रही थी। जिसके तहत शुक्रवार से कुछ संगठन के कर्मचारियों ने अनिश्चित कालिन हड़ताल शुरू कर दी है। लेकिन लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उमेश प्रधान ने बताया कि छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के कोई भी लिपिक कर्मचारी उक्त हडताल मे शामिल नही होंगे। लिपिक वर्गीय कर्मचारी के लंबित मांगो के संबंध मे शासन स्तर पर विचार किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में लिपिक कर्मचारियों का यह कत्र्तब्य बनता है कि वे अपने कार्यो का निष्ठापूर्वक पालन करें। उमेश प्रधान ने बताया कि मुख्यमंत्री के जशपुर विकास यात्रा के दौरान लिपिको के वेतन विसंगति को लेकर पत्र दिया गया था। इस विषय मे मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्यवाही करते हुए वित्त विभाग को पत्र भेजा है, जहां से विभाग के द्वारा कार्रवाई करते हुए अग्रिम कार्रवाई करने की सूचना संघ को सौंपी गई है। ऐसे मे कर्मचारियों का हड़ताल मे शामिल होना किसी भी स्थिति में सही नहीं है। जिसके कारण उनके द्वारा शासकीय वर्गीय लिपिक कर्मचारियों को किसी भी हड़ताल में शामिल ना होने की बात कही है।
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