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आवाज कम, रोशनी अधिक, ऐसे पटाखे बच्चों की पसंद

locationजशपुर नगरPublished: Nov 07, 2018 10:41:08 am

Submitted by:

Amil Shrivas

पटाखों में डेढ़ करोड़ से भी अधिक के करोबार का अनुमान

Jashpur nagar

आवाज कम, रोशनी अधिक, ऐसे पटाखे बच्चों की पसंद

जशपुरनगर. जिले में इस वर्ष जगह.जगह पटाखों के दुकान लगे हुए हैं। शहर के रणजीता स्टेडियम में पटाखों की दुकान लगाई गई है। पांरपरिक पटाखों के साथ-साथ चाइनीज पटाखे भी मार्केट में हैं। लोग इन पटाखों की वेरायटी देख कर अपनी च्वाइस बदल रहे है मंहगाई के इस दौर में पटाखों की कीमतों में पिछले वर्ष की तुलना में करीब 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जिले में डेढ़ से दो करोड़ के पटाखों की बिक्री होगी।
दीपावली में पटाखे, फूलझडिय़ां आदि सभी को भाते हैं। शहर के साथ-साथ आदिवासी अंचल में भी अब पटाखों का क्रेज बढ़ता जा रहा है। हर उत्सव व शादी, पार्टियों में भी पटाखों की अच्छी बिक्री होती है। जिसके कारण प्रतिवर्ष पटाखा बाजार बढ़ता जा रहा है और इसके स्वरूप में भी विस्तार होने लगा है। पूर्व में शहर में पटाखों की इक्का-दूक्का दुकानें ही लगती थीं, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ गई है। पिछले कुछ वर्षों से सुरक्षा की दृष्टि से रणजीता स्टेडियम में पटाखा बाजार लगने लगा है। जिले में पटाखा बाजार में दुकान लगाने वाले लाइसेंसी पटाखा दुकानों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिले में करीब पटाखों की करीब 100 दुकानें लगती हैं। यहां के रणजीता स्टेडियम में १२ से १५ दुकानें लगीं हैं। व्यवसायियों से मिली जानकारी के अनुसार दीपावली के अवसर पर तीन दिनों तक जिले में पटाखों का कारोबार डेढ़ से दो करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जशपुरांचल में इन दिनों चाइनीज पटाखे धूम मचा रहे हैं। कई चाइनीज पटाखों में आवाज कम होती है और रोशनी आकर्षक होती है। ऐसे पटाखे और फूलझडिय़ां बच्चों की पहली पंसद बन रही हैं। दुकानदारों ने भी इस बार विशेष तौर पर चाइनीज पटाखे अधिक मंगाए हैं।

पटाखे चलाएं, पर बरतें सावधानी : छोटे बच्चों को अकेले न छोड़ेंए फूलझड़ी व पटाखे छोड़ते वक्त उनके साथ रहें। पटाखे दूर से जलाएं और चेहरे को दूसरी तरफ रखें, पटाखों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें, घर के बाहर एक बाल्टी में पानी भर कर रखें, शरीर का कोई हिस्सा जलने पर तत्काल उसे पानी में डूबाकर रखें और चिकित्सक से संपर्क करें, आंख के जलने व चोट लगने पर उसे मसले नहीं साफ पानी से धोकर पीडि़त को अस्पताल लाएं और सांसों के मरीज धुंए वाले माहौल से दूर रहें।
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