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वाहन फैला रहे हैं प्रदूषण, विभाग अब तक एक भी नहीं खोल सका जांच केंद्र

locationजशपुर नगरPublished: Jan 14, 2018 01:11:14 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

वाहनों की जांच के लिए प्रदूषण केंद्र अब तक नहीं खुले, पांच स्थानों पर खोला जाना है जांच केंद्र

jashpur nagar
जशपुरनगर. जिले के पांच स्थानों सहित नगरीय निकाय क्षेत्रों के पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र खोला जाना है। पर अभी तक विभाग एक भी प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खोल पाया है। एक साल पहले पर्याप्त आवेदन नहीं आने के कारण केंद्र नहीं खुल पाए थे। जिसके बाद फिर से आवेदन मंगाए गए थे। जिसमें नगरीय निकाय के पेट्रोल पंपों में भी प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आवेदन मंगाए गए थे। इन सबको मिलाकर विभाग के पास कुल 9 आवेदन प्राप्त हो चुके थे। आवेदन प्राप्त होने के बाद भी जिले में कहीं भी केंद्र नहीं खुल पाए हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि इस केंद्र को खोलने के लिए विभाग के द्वारा १ वर्ष से सिर्फ ओवदन ही मंगा रहा है और आवेदन प्राप्त होने के बाद भी केंद्र नहीं खुल पा रहा है। सड़कों पर प्रदूषण फैलाने वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कसने में परिवहन विभाग नाकाम है। हालांकि इसके लिए प्रशासन ने करीब डेढ़ वर्ष पहले योजना तैयार किया था। इसके तहत जिले के 5 स्थानों पर प्रदूषण जांच केंद्र खोला जाना था। जिसके लिए विभाग ने आवेदन मंगाए थे। पर इन पांच केंद्रों के लिए विभाग के पास केवल 2 ही आवेदन आए थे। जिसके कारण यह मामला अटक गया था। इसके बाद परिवहन विभाग के निर्देश के तहत जिले में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए 17 जुलाई २०१७ तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे। पर इस पर भी पर्याप्त आवेदन नहीं आने के कारण उसकी तिथि में संशोधन कर 11 अगस्त २०१७ तक कर दिया गया था। पांच स्थानों सहित जिले के नगरीय निकाय के पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए विभाग को कुल 9 आवेदन मिले हैं। पर इस पर आगे क्या कार्रवाई हुई है, इसका पता अभी विभाग के अधिकारी को भी नहीं है।
जांच के लिए लगेंगे 40 से 150 रुपए शुल्क- इन जांच केंद्रों के खुलने पर केंद्रों में वाहनों के प्रदूषण की जांच करने के लिए शासन की ओर से शुल्क निर्धारित की गई है। जिसके अनुसार दो पहिया वाहनों के लिए 40 रुपए, तीन पहिया वाहनों के लिए 60 रुपए, चार पहिया वाहनों के लिए 80 रुपए, मध्यम वाहनों के लिए 100 एवं भारी वाहनों के लिए 150 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। यह शुल्क जमा कर वाहन चालक अपने वाहनों के प्रदूषण की जांच करा सकते हैं। जिले में छोटे-बड़े वाहनों को मिलाकर करीब 84 हजार से अधिक वाहन पंजीकृत हैं।
कलक्टर द्वारा गठित समिति करती है अनुमोदन- विभाग के द्वारा खोले जाने वाले प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करने के लिए जो आवेदन मंगाए गए हैं। उसे अनुमोदन के लिए कलक्टोरेट भेजा जाता है। जहां कलक्टर द्वारा गठित एक टीम इन आवेदनों का प्रशिक्षण कर आवेदकों को जांच केंद्र खोलने की अनुमति प्रदान करती है। पर जो आवेदन विभाग को मिले हैं, वे कलक्टोरेट भेजे गए हैं या नहीं इसका पता अभी विभागीय अधिकारियों को नहीं है।
धुंए के प्रदूषण से होती है कई बीमारियां – डीजल वाहनों से जो धुआं निकलता है उनमें हाइड्रोकार्बन, नाइट्रोजन एवं सल्फर के ऑक्साइड एवं सूक्ष्म कार्बनमयी कणिकाएं मौजूद रहती हैं। पेट्रोल चलित वाहनों के धुएं में काबॅन मोनो ऑक्साइड व लेड मौजूद होते हैं। जो वायु प्रदूषण के मुख्य कारक हैं। जिला अस्पताल के डॉ. अनुरंजन टोप्पो ने बताया कि इस प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे मानव का श्वसन तंत्र प्रभावित होता है। वायु प्रदूषण से दमा, ब्रोंकाइटिस, सिरदर्द, फेफडे का कैंसर, खांसी, आंखों में जलन गले का दर्द उल्टी और जुकाम आदि बीमारियां हो सकती हैं।
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