जांच के लिए लगेंगे 40 से 150 रुपए शुल्क- इन जांच केंद्रों के खुलने पर केंद्रों में वाहनों के प्रदूषण की जांच करने के लिए शासन की ओर से शुल्क निर्धारित की गई है। जिसके अनुसार दो पहिया वाहनों के लिए 40 रुपए, तीन पहिया वाहनों के लिए 60 रुपए, चार पहिया वाहनों के लिए 80 रुपए, मध्यम वाहनों के लिए 100 एवं भारी वाहनों के लिए 150 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। यह शुल्क जमा कर वाहन चालक अपने वाहनों के प्रदूषण की जांच करा सकते हैं। जिले में छोटे-बड़े वाहनों को मिलाकर करीब 84 हजार से अधिक वाहन पंजीकृत हैं।
कलक्टर द्वारा गठित समिति करती है अनुमोदन- विभाग के द्वारा खोले जाने वाले प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित करने के लिए जो आवेदन मंगाए गए हैं। उसे अनुमोदन के लिए कलक्टोरेट भेजा जाता है। जहां कलक्टर द्वारा गठित एक टीम इन आवेदनों का प्रशिक्षण कर आवेदकों को जांच केंद्र खोलने की अनुमति प्रदान करती है। पर जो आवेदन विभाग को मिले हैं, वे कलक्टोरेट भेजे गए हैं या नहीं इसका पता अभी विभागीय अधिकारियों को नहीं है।
धुंए के प्रदूषण से होती है कई बीमारियां – डीजल वाहनों से जो धुआं निकलता है उनमें हाइड्रोकार्बन, नाइट्रोजन एवं सल्फर के ऑक्साइड एवं सूक्ष्म कार्बनमयी कणिकाएं मौजूद रहती हैं। पेट्रोल चलित वाहनों के धुएं में काबॅन मोनो ऑक्साइड व लेड मौजूद होते हैं। जो वायु प्रदूषण के मुख्य कारक हैं। जिला अस्पताल के डॉ. अनुरंजन टोप्पो ने बताया कि इस प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे मानव का श्वसन तंत्र प्रभावित होता है। वायु प्रदूषण से दमा, ब्रोंकाइटिस, सिरदर्द, फेफडे का कैंसर, खांसी, आंखों में जलन गले का दर्द उल्टी और जुकाम आदि बीमारियां हो सकती हैं।