घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार आरोपी जगदीश यादव का 2 साल पहले 2016 में फोन के माध्यम से पीडि़ता से दोस्ती हुई थी। दोस्ती होने के बाद दोनो की दोस्ती प्यार में बदल गया, जिसके बाद पंचायत सचिव ने पीडि़ता को शादी का झांसा देकर उसका दैहिक शोषण करना प्रारंभ कर दिया था।
दो वर्षो तक पीडि़ता का दैहिक शोषण करने के बाद पीडि़ता ने जब आरोपी से शादी करने की बात कही तो आरोपी ने शादी करने से इंकार दिया था। पंचायत सचिव जगदीश यादव के द्वारा शादी से मना कर दिए जाने के बाद पीडि़ता ने इसकी शिकायत कलक्टर को जनदर्शन में कर दी थी।
कलक्टर के पास शिकायत होने के बाद जगदीश यादव पीडि़ता के पास पंहुच गया और उससे क्षमा मांगते हुए शादी करने के लिए तैयार हो गया था। जगदीश यादव पीडि़ता के परिजनो से बात करने के बाद ११ जुलाई को शादी करने की तिथि भी तय कर दी थी।
मंदिर में दूल्हे का राह तकती रह गई पीडि़ता : जगदीश यादव पीडि़ता से शादी करने के लिए 11 जुलाई का दिन तय कर लिया था। शादी का दिन तय हो जाने के बाद पीडि़ता और उसके परिजन शादी की तैयारी में जुट गए थे और 11 जुलाई को शादी करने की तैयारी और साजो सामान के साथ पीडि़ता और उसके परिजन शादी करने के लिए कोतईबीरा धाम पंहुच गए।
पीडि़ता और उसके परिजनों के पंहुचने के बाद ना तो आरोपी जगदीश यादव वहां पहुंचा और ना ही उसके परिजन वहां पंहुचे थे। पीडि़ता के परिजनों ने शाम तक आरोपी जगदीश यादव के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आया, जिसके बाद पीडि़ता ने 12 जुलाई को आरोपी के खिलाफ सिटी कोतवाली में मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला(rape with girl)दर्ज कर उसकी पतासाजी शुरु कर दी है।