जशपुर नगर

पार्कों से बच्चों के मनोरंजन के लिए उपलब्ध संसाधन हो जा रहे हैं गायब

सबसे पुरान और महत्वपूर्ण सती उद्यान उचित देखरेख के आभाव में फिर हो रहा है बदहाल

जशपुर नगरApr 18, 2019 / 11:52 am

BRIJESH YADAV

पार्कों से बच्चों के मनोरंजन के लिए उपलब्ध संसाधन हो जा रहे हैं गायब

जशपुरनगर. जिला मुख्यालय जशपुर में बच्चों के मनोरंजन के लिए बहुत सीमित साधन मौजूद है। शहर के महाराजा चौक के पास सती उद्यान और सिटी कोतवाली के पास बाल साहेब देशपांडे बाल उद्यान मौजूद है। वहीं तीसरा दरबारी टोली में हनुमान मंदिर में पास भी एक पार्क का निर्माण कराया गया है। शहर में मौजूद तीन पार्को में से दो पार्क में बच्चों के मनोरंजन के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है।
सती उद्यान शहर का सबसे पुराना और धार्मिक महत्व से जुड़ा हुआ पार्क है। विशेष अवसरों पर यहां पूजा का आयोजन किया जाता है। शहर के हृदय स्थल पर स्थित इस पार्क में बारह महिने चहल-पहल बनी रहती है। शहरवासियों का इस पार्क से जुड़ाव को देखते हुए नगरपालिका ने तकरीबन ३ साल पहले इसका जीर्णोद्वार भी किया था, लेकिन सही तरीके से देखरेख ना होने से यह बदहाल हो रही है। शहर का दूसरा पार्क बाला साहेब देशपांडे बाल उद्यान ही गर्मी के दिनों में बच्चों के साथ शहरवासियों के घूमने और मस्ती करने का एकमात्र साधन बन कर रह गया है। शहर के इस पार्क पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। परीक्षा खत्म होने और गर्मी के शुरू होते ही इस पार्क में भीड़ बढ़ जाने से जगह कम पडऩे लगती है। वहीं दरबारी टोली स्थित पार्क के बदहाल हो जाने के कारण अब यहां कोई जाना पंसद नहीं करता है। इसे देखते हुए नगर सरकार ने चिल्ड्रन पार्क निर्माण की योजना बनाई थी। वह सरकारी लेट लतीफी के चलते लंबित है।
तीन साल पहले हुआ था सौंदर्यीकरण: सती उद्यान पार्क के महत्व को देखते हुए नगर पालिका ने तकरीबन तीन साल पहले इसे नए सिरे संवारने का निर्णय लिया था। पालिका के प्रस्ताव पर 23 लाख रुपए का आवंटन जारी किया था। आवंटन प्राप्त होने के बाद पालिका ने इस पार्क को नए सिरे से संवारा था। इसके तहत पार्क में लोहे का पुल के साथ नया हाई मास्ट लाइट, घासरोपण, आकर्षक फव्वारा का निर्माण के साथ तालाब के किनारे बने हुए रेलिंग के दीवारों पर लाइट लगाया गया था। पालिका के इस काम के बाद नगरवासियों को उम्मीद थी कि सरकार द्वारा मोटी रकम खर्च किए जाने के बाद सती उद्यान पार्क का सौंदर्य और अधिक आकर्षक होगा, जिससे लोगों का आकर्षण बढ़ेगा। इतनी राशि खर्च करने के बावजूद भी इस पार्क में बच्चों के मंनोरंजन करने के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है।

पार्क में लगा झूला हो गया गायब : शहर के दरबारी टोली हनुमान मंदिर में पास तैयार किए गए पार्क में शुरु में बच्चों के मनोरंजन के लिए तरह-तरह के झूले लगाए गए थे। लेकिन देखरेख के आभाव में अब वह भी वहां से गायब होना शुरु हो गए हैं। वहीं देखरेख के आभाव में यह पार्क पूरी तरह से अब जर्जर हो गया है। शहर में बच्चों के मनोरंजन के लिए तैयार किए गए तीन पार्को में से मात्र बाला साहब उद्यान पार्क ही थोड़ी बहुत ठीक स्थिति में है बाकी दोनो पार्क देखरेख के आभाव में अब बदहाल होना शुरु हो गए हैं।
फिर बदहाल हुआ पार्क के बास का तालाब : पार्क के चारों ओर स्थित तालाब की स्थिति भी बुरी हो चुकी है। यह तालाब शहर के निस्तारी का एक महत्वपूर्ण साधन है। लेकिन प्रदूषण की मार से इस तालाब का पानी का रंग भी बदल चुका है। गत वर्ष इस तालाब का जनसहयोग से गहरीकरण और सफाई किया गया था। लेकिन तालाब का देखरेख ना होने से स्थिति एक बार फिर जस की तस हो गई है। रानी सती उद्यान के प्रांगण स्थित कम्युनिटी हॉल में होने वाले वैवाहिक कार्यक्रम सहित अन्य गतिविधियों से निकलने वाला कचरे को लापरवाही पूर्वक इसी तालाब में डाल दिया जाता है। साथ ही आसपास रहने वाले व्यवसायी और रहवासियों भी इस तालाब का उपयोग कचरा डालने के लिए कर रहे है।
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