scriptप्रदेश के इस जिले में नशे पर हो रही करोड़ों रुपये की बरसात, सरकारी दुकानों से एक महीने में हुई पौने चार करोड़ का कारोबार | People have drunk alcohol 40 million rupees in 11 months | Patrika News

प्रदेश के इस जिले में नशे पर हो रही करोड़ों रुपये की बरसात, सरकारी दुकानों से एक महीने में हुई पौने चार करोड़ का कारोबार

locationजशपुर नगरPublished: Mar 15, 2019 09:38:06 am

Submitted by:

BRIJESH YADAV

खुद से शराब बेचने का सरकारी निर्णय ठेकेदारी प्रथा को कमाई के मामले में पीछे छोड़ता जा रहा है। 11 महीने में लोगों ने 40 करोड़ रुपए की शराब पी चुके हैं।

People have drunk alcohol 40 million rupees in 11 months

प्रदेश के इस जिले में नशे पर हो रही करोड़ों रुपये की बरसात, सरकारी दुकानों से एक महीने में हुई पौने चार करोड़ का कारोबार

जशपुरनगर. खुद से शराब बेचने का सरकारी निर्णय ठेकेदारी प्रथा को कमाई के मामले में पीछे छोड़ता जा रहा है। जिले के सरकारी शराब दुकानो से 11 महीने में लोगों ने 40 करोड़ रुपए की शराब पी चुके हैं। इस आंकड़े के मुताबिक सरकारी बिक्री का मुनाफा ठेकेदारी प्रथा ये अधिक मुनाफा हो रहा है। दरअसल जिले में तीन वर्ष पहले शराब दुकानो की नीलामी 21 करोड़ रुपए में हुई थी। वहीं वर्तमान में सरकारी दुकानों से एक महीने में ३ करोड़ ७२ लाख रुपए से अधिक की शराब की बिक्री हो रही हैै। जिले में 11 महीने 40 करोड़ 89 लाख 44 हजार 910 रुपए की शराब की बिक्री हो चुकी है। जिले में कई त्यौहारों में शराब की बिक्री सामान्य दिनो की तुलना में अधिक होती है।
जशपुर के एक दुकान में ११ माह में ९० लाख की बिक्री : जिला मुख्यालय में नदी के किनारे प्रकृति के गोद में स्थापित किए गए सरकारी शराब दुकान में रोजाना की बिक्री औसतन २ लाख है। यहां एक दिन में शराब की बिक्री साढ़े २ लाख रुपए तक के आंकड़े को छू चुकी है। ११ माह में जशपुर के शराब दूकान से ९८ लाख ६९ हजार ९७० रुपए की शराब की बिक्री हो चूकी है। इस संबंध में मिले आंकड़ों के मुताबिक जशपुर में ११ माह में २६ लाख ६२ हजार ९६० रुपए की देशी और ७२ लाख 7 हजार १० रुपए की विदेशी यानि अंग्रेजी शराब की बिक्री हुई है। जिला मुख्यालय में शराब की दुकान का स्थान बेहद ही सुविधाजनक स्थान में होने की वजह से अब किसी को कोई हिचक नहीं रही। और लोग वहीं खरीदकर, वहीं नदी किनारे खेतों में खुली हवा में पी रहे हैं।
जशपुर जिले में सबसे अधिक शराब की बिक्री जिला मुख्यालय जशपुर में हो रही है वहीं दूसरे नंबर में पत्थलगांव में शराब की बिक्री हो रही है। वहीं जिले में सबसे कम शराब की बिक्री लोदाम के शराब दुकान में है। नए वित्तीय वर्ष में लोदाम में नहीं लोगों को अब मिलेगी शराब : प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कई शराब दूकानों को नए वित्तीय वर्ष में बंद करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार जनसंख्या के हिसाब से अब दुकानों का संचालन करेगी। जिस क्षेत्र में जनसंख्या कम है उन स्थानों के शराब दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जशपुर जिले में कम जनसंख्या वाले में लोदाम का शराब दुकान आ रहा है, जिसे १ अप्रैल से बंद कर दिया जाएगा।

पुलिस की निगरानी से बढ़ा राजस्व : दरअसल शराब को अबतक समाज के लिए एक बड़ी समाजिक बुराई की तौर पर देखा जाता रहा है। इसे लेकर बढ़ते अपराधों को ध्यान में रखते हुए पुलिस हमेशा शराब के अवैध विक्रेताओं पर लगातार नजर बनाए रखती थी। लेकिन वर्तमान में हालात बदल गए हैं। अवैध शराब कारोबारियों को लेकर पुलिस की सख्ती पहले की तुलना में अधिक बढ़ गई है। लेकिन शराबियों की धरपकड़ मामले में कार्रवाई लगभग शून्य कर दी गई है। चूंकि अगर शराबियों को पुलिस पकड़ कर उन्हें बेआबरू कर दे तो फिर सरकारी दुकानों पर संकट आ सकती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो