प्रिया ने केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि सीआपीएफ के विशेष प्रयास से जशपुर अंचल को नक्सलवाद से मुक्ति मिली है। जिले के आरा, लोदाम, मनोरा क्षेत्र, जहां लोग शाम होने के बाद जाने से डरा करते थे, अब पूरी तरह से भयमुक्त हो चुके हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में अब भी नक्सलवाद का खतरा मंडरा है। जशपुर जिला झारखण्ड और ओडिशा की सीमा से लगा हुआ है। झारखण्ड के गुमला जिले का डुमरी, चैनपुर और तपकरा और करडेगा क्षेत्र से लगे हुए ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों में अब भी नक्सलियों की हलचल बरकरार है। इन क्षेत्रों में अब भी लगातार घटनाएं हो रही हैं। माओवादी अब भी जिले में घुसपैठ करने के ताक में बैठे हुए हैं। विधानसभा चुनाव से पहले आरा चौकी क्षेत्र में नक्सलियों ने पोस्टर चिपका कर अपने इस इरादों को जता भी चुके हैं। इसे देखते हुए जिले से सीआरपीएफ को हटाना उचित नहीं है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रिया की बातों से सुना, और भरोसा दिया कि जो भी निर्णय होगा वह सोच समझकर लिया जाएगा।
सुरक्षित और विकसित जशपुर ही हमारा लक्ष्य : प्रिया सिंह जूदेव ने बताया कि राजनाथ सिंह से चर्चा के बाद उन्हें यकीन है कि जिले से सीआरपीएफ नहीं हटेगी। जशपुर को लाल आतंक से मुक्त रखने के लिए उनके ससुर स्व. दिलीप सिंह जूदेव और पति स्व. शत्रुजंय प्रताप सिंह जूदेव ने संघर्ष किया। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए जशपुर की सुरक्षा को बनाएं रखना ही हमारा लक्ष्य है।
सुरक्षित और विकसित जशपुर ही हमारा लक्ष्य : प्रिया सिंह जूदेव ने बताया कि राजनाथ सिंह से चर्चा के बाद उन्हें यकीन है कि जिले से सीआरपीएफ नहीं हटेगी। जशपुर को लाल आतंक से मुक्त रखने के लिए उनके ससुर स्व. दिलीप सिंह जूदेव और पति स्व. शत्रुजंय प्रताप सिंह जूदेव ने संघर्ष किया। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए जशपुर की सुरक्षा को बनाएं रखना ही हमारा लक्ष्य है।