script

पानी समस्या लेकर राज्य सभा सांसद के पास पहुंचे ग्रामीण

locationजशपुर नगरPublished: Jan 17, 2018 02:04:45 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

सालों से पानी की समस्या झेल रहे हैं रतिया के ग्रामीण

jashpur nagar
जशपुरनगर. ग्राम पंचायत पोड़ी के आश्रित ग्राम रतिया के लोगों ने पानी की समस्या को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालय पंहुचे थे। यहां के लोगों ने अपनी समस्या के संबंध में राज्यसभा सांसद से मिलकर अपनी समस्या से उन्हें अवगत कराया।ग्राम पंचायत पोड़ी के ग्राम रतिया में अभी से निस्तारी जल के लिए लोगों को परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। इस गांव में जो डेम बनाया गया था वह २०११ में भारी बारिश के कारण टुट गया और उसके बाद से इस डेम की स्थिति दयनिय हो गई जिसके कारण लोगों को पानी की समस्या से दो चार होना पड़ा रहा है और पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण अब आक्रोशित होकर आंदोलन करने का भी मन बनाने लगे हैं। इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि वे अपनी समस्या के संबंध में कई बार कलक्टर और मंत्रियों के पास भी गुहार लगा चुके हैं, उसके बाद भी उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। यहां के ग्रामीणों ने बताया कि रतिया की झाबु नाला डेम 2011 में तेज बारिश होने के कारण बह गया था। जिसके बाद आसपास के कई गावो से आना जाना और जनसंपर्क टूट गया है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण पीने का पानी भी यहां के लोगो को नहीं मिल पा रहा है और स्कूल जाने वाले बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल कर आना जाना करते हैं। इस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि बांध के बह जाने के बाद इस क्षेत्र के लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है २०११ में भारी बारिश होने के कारण बांध के साथ-साथ पुल भी बह गया था और इसका मरम्मत नहीं होने पर अब ग्रामीणों को आवागमन में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पहले भी दो बार टूट चुका है डेम- राज्य सभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव के पास अपनी मांग को लेकर आए ग्रामीण सिहासंन मिंज, प्रभात केरकेट्टा, बैशाखु राम सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि यह डेम दो बार पहले भी टुट चुका है। उन्होने बताया कि मिट्टी का पुराना बांध हो जाने के कारण २००५ में यह टुट चूका है इसके टुटने के बाद ग्रामीणों के द्वारा कई बार मांग किए जाने के बाद इसे विभाग के द्वारा २००६ में मरम्मत कराया गया था। इसके मरम्मत होने के बाद बाद २०११ में फिर भारी बारिश के कारण यह बांध टूट गया है। इस बांध के टूट जाने के बाद अब इस ओर विभाग के द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण सात वर्षो से यह बांध ग्रामीणों के लिए बेकार हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा यदि इस बांध की मरम्मत कर दी जाती है तो आने वाले समय में ग्रामीणों को इसका फायदा मिलेगा।

ट्रेंडिंग वीडियो