तिलकुट और तिल लड्डुओं की मिठास के बिना यह पर्व कुछ भी नहीं, लेकिन इस वर्ष तिल और गुड़ के दामों में आई तेजी का असर पर्व पर भी पड़ सकता है। इन चीजों की कीमतों का असर उनसे बनने वाली मिठाइयों पर पड़ रहा है। यही वजह है कि इस बार मकर संक्रांति की तिल वाली लड्डू की मिठास महंगी होगी। मकर संक्रांति में तिल, गुड़ पिछले एक-दो साल से शक्कर के दाम काफी बढ़े हैं। अभी शक्कर बाजार में 40 रुपए किलो मिल रही है। शक्कर के साथ गुड़ के दाम भी बढ़े हैं। पिछले वर्ष इन्हीं दिनों में गुड़ का दाम 30 से 35 रुपए किलो था। इस साल इसकी कीमत 40 रुपए किलो है। महंगे गुड़, तिल और शक्कर के कारण तिल से बनी मिठाइयां भी महंगी हो गई है। बताया जाता है कि गुड़ की आवक काफी कम है। संक्रांति की कारण इसकी डिमांड कुछ अधिक है। वैसे भी ठंड के मौसम में गुड़ की मांग अधिक रहती है। लेकिन कीमत बढ़ जाने से इसका असर बिक्री पर पड़ा है। पर्व को लेकर शहर में जगह-जगह तिल से बनी मिठाइयों की दुकानें सज गई है। शहर के बालाजी मंदिर के सामने, बस स्टैंड, संगम चौक सहित अन्य कई स्थानों पर भी तिल से बनी मिठाइयों की बिक्री हो रही है। कुछ फेरीवाले भी घूम-घूमकर तिल की मिठाइयां तिलकुट, तिल पापड़ी आदि बेच रहे हैं। इस पर्व के लिए रविवार को बाजार में खरीददारी करने लोगों की भारी भीड़ रही।
तिलकुट पर दिख रही महंगाई की मार : मकर संक्रांति की खास मिठाई समझे जाने वाली तिलकुट के साथ गुड़ व तिल के लड्डू और पापड़ी पर महंगाई की मार साफ दिखने लगी है। मकर संक्रांति पर्व के दौरान घरों में तिल, गुड़ की मिठाई और लड्डू कम मात्रा बनने की आशंका है। लड्डू व पापड़ी बेचने वाले एक व्यवसायी ने बताया कि थोक बाजार में तिल की कीमत 180-200 रुपए है। वहीं खुदरा बाजार में तिल 220 से 240 रुपए तक बिक रहा है। इससे तिलकुट की कीमतें भी बढ़ी हैं। कीमत बढऩे का असर ग्राहकी पर भी पड़ा है।