शिक्षक अब उपस्थिति दर्ज कराकर नहीं छोड़ सकेंगे स्कूल, विभाग हुआ सख्त
जशपुर नगरPublished: Jun 27, 2019 03:55:39 pm
शाला परिक्रमा अभियान के तहत रहेगी पैनी नजर
शिक्षक अब उपस्थिति दर्ज कराकर नहीं छोड़ सकेंगे स्कूल, विभाग हुआ सख्त
पत्थलगांव. शासकीय स्कूल के शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर शाला से भाग नही सकेंगे। अब सुबह शाम राजस्व अधिकारियों की इन पर नजर टीकी रहेगी। दरअसल राजस्व विभाग ने शाला प्रक्रिया अभियान की शुरूवात की है, जिसके तहत राजस्व अधिकारी अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तीन से पांच शाला का निरीक्षण करेंगे।
पत्थलगांव तहसीलदार महेश शर्मा ने बताया कि विकास खंड के विद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था के उन्नतिकरण हेतु शाला विकास परिक्रमा अभियान नामक कार्यक्रम की शुरूवात की गई है। इस कार्यक्रम के तहत तहसीलदार, नायब तहसीलदार, रेवेन्यु इंस्पेक्टर प्रति सप्ताह अपने क्षेत्र के तीन से पांच शाला का निरीक्षण कर प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सौंपेगे। उन्होने बताया कि निरीक्षण का कार्य प्रमुख रूप से प्रात: 11 बजे के पूर्व तथा दोपहर 3 बजे के पश्चात किया जाएगा,जिससे की शाला के समय अनुसार खुलना एवं बंद होने के अलावा शिक्षक शिक्षिकाओ का नियत समय पर शाला मे उपस्थित होने की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। महेश शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान विद्यालय में पढाई की गुणवत्ता,शैक्षणिक शिक्षको की उपस्थिति, मध्यान्ह भोजन व साफ सफाई का प्रमुख रुप से परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा निरीक्षणकर्ता अधिकारी विद्यालय में बेहतर उपस्थिति वाले विद्यार्थी को सार्वजनिक रूप से तालियों की गडगडाहट के साथ पुष्प कलम भेंट करेंगे। उन्होने बताया कि निरीक्षण के पश्चात स्कूलों का प्रतिवेदन बनाकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के सुपुर्द किया जाएगा,जिसके पश्चात प्रत्येक शुक्रवार को समय सीमा की बैठक के दौरान इस संबंध मे विस्तृत चर्चा की जाएगी।
शिक्षा में होगा सुधार : शासकीय स्कूलों मे राजस्व अधिकारियों की पैनी नजर होने से अभिभावक बच्चो की शिक्षा मे सुधार होने की बात कह रहे है। यहां के शासकीय स्कूलों में अपने बच्चो को भेजने वाले अभिभावक शाला परिक्रमा अभियान को शिक्षा विभाग के लिए सार्थक पहल बताकर बच्चो के लिए लाभप्रद बताया है।
शिक्षकों की मनमानी पर लगेगी रोक : शासकीय स्कूलों में बच्चो की शिक्षा का ग्रेड बेहद निम्न स्तर का है। इसके लिए पिछले वर्ष अधिकारियों की टीम का चयन कर कुछ समय उन्हे बच्चो की पढ़ाई में लगाया गया था। दरअसल यहां के अधिकांश शासकीय स्कूलों मे शिक्षक उपस्थिति दर्ज कराकर अपने कार्यो की इतिश्री कर लेते है। उनका बच्चो की पढ़ाई से दूर-दूर तक कोई नाता नही रहता। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग मे 100 से भी अधिक ऐसे शिक्षक है जो दिन रात सिर्फ राजनीति कर अपना वक्त बीता रहे है। ये स्कूलों में सिर्फ उपस्थिति पंजीयक में अपने हस्ताक्षर करने पहुंचते है।