जशपुर नगर

जशपुर के आदर्श बस स्टैंड में यात्रियों को नहीं मिल पा रही बुनियादी सुविधाएं

यात्री प्रतीक्षालय भी ऐसी जगह बना दिया जहां लोगों की निगाह तक नहीं पड़ती

जशपुर नगरJan 15, 2019 / 10:39 am

Amil Shrivas

जशपुर के आदर्श बस स्टैंड में यात्रियों को नहीं मिल पा रही बुनियादी सुविधाएं

जशपुरनगर. जहां एक ओर प्रदेश के कई शहरों को मॉडल शहर बनाने की कवायद की जा रही है और शहरों में अधोसंरचनाओं का विकास किया जा रहा है। वहीं जिला मुख्यालय के बस स्टैंड में यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। यहां के बस स्टैंड में पीने के पानी की सुविधा नहीं है।
बस स्टैंड पर यात्रियों को बजाए सुविधाएं मिलने के मुश्किलें बढ़ रही हैं यहां कई अव्यवस्थाएं हैं। लगभग १० साल पहले पुराने बस स्टैंड को तोडक़र उसे नए सिरे से बनाया गया था। लेकिन उस वक्त सही प्लानिंग नहीं होने के कारण बस स्टैंड बेतरतीब बन गया। बस स्टैंड में यात्री प्रतीक्षालय काफी पीछे बन गया है। जिसका मुख्य द्वार दूसरी दिशा में हैं। यदि कोई यात्री वहां बैठकर बस की प्रतीक्षा कर रहा हो, तो उसे पता ही नहीं चलेगा कि कब बस आई और कब निकल गई। जिसके चलते यात्री, प्रतीक्षालय के बाहर पेड़ों के नीचे चबूतरों व आसपास की दुकानों के सामने बैठकर बसों की प्रतीक्षा करते हैं। बस स्टैंड में यात्रियों के पीने के पानी के लिए कोई सुविधा नहीं है। कुछ सालों पहले रैन बसेरा के पास हैंडपंप खोदा गया था लेकिन वह अनुपयोगी हो गया। जिसके चलते उसे बंद कर दिया गया। इसके अलावा विश्वकर्मा मंदिर के पीछे भी कई सालों पहले एक हैंडपंप खोदा गया था। जिसमें से लाल पानी निकलने के कारण करीब १०-१२ सालों पहले उसे भी बंद कर दिया गया। इसके बाद यहां एक प्याऊ भी खोला गया था, लेकिन वह भी कई सालों से बंद है। बस स्टैंड में स्थित रैन बसेरा व आसपास की दुकानों में पानी की आपूर्ति पुराने सरकारी कुएं से होती है लेकिन यह कुंआ भी गंदगी से पटा हुआ है। ऐसे में मजबूरी में गरीब यात्रियों को भी पानी पीने के लिए पानी की बोतलें खरीदनी पड़ती हैं। इन समस्याओं को लेकर कई बार मांग व शिकायत नगर पालिका में की जा चुकी है। पर समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो पाया है।

कागजों में बना है रैम्प व प्लेटफार्म : आधुनिक बस स्टैंड में बसों के खड़े होने के लिए प्लेटफार्म और रैम्प की सुविधा दी जाती है। जशपुर के बस स्टैंड में यह दोनों महत्वपूर्ण सुविधा कागजों में सिमटी हुई है। प्लेटफार्म के अभाव में यात्री बसों के साथ अवैध रूप से संचालित होने वाले टैक्सी बस स्टैंड में बेतरतीब खड़ी रहती है। इससे जाम की समस्या तो उत्पन्न होती ही है साथ ही यात्रियों को बस ढूंढऩे के लिए भी खासी मशकक्त करनी पड़ती है।
पेड़ के नीचे बना दिया गया बुकिंग काउंटर : बस स्टैंड में बुकिंग काउंटर न होने के कारण सिरे से ही नदारद है। मजबूरी में बस संचालकों के कर्मचारी बस स्टैंड में स्थित पीपल पेड़ के नीचे एक शेड़ बना कर टिकट बुकिंग का काम करते हैं। बरसात के दिनों में पेडों पर अक्सर वज्रपात की घटनाएं होती रहती है। ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है। बस स्टैंड में टिकट काउंटर नहीं होने से यात्रियों को टिकट कटाने के लिए भटकता पड़ रहा है।
हर दिन सवा सौ बसों का होता है संचालन : शहर का बस स्टैंड जिले का सबसे बड़ा बस स्टैंड है। सिटी बसों सहित यहां से करीब 130 बसें गंतव्य के लिए रवाना होती हैं। झारखंड, ओडि़सा के अलावा प्रदेश के रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर सहित अन्य शहरों के लिए यहां के बस स्टैंड से बसें जाती हैं। जिनमें रोजाना सैकड़ों यात्री यात्रा करते हैं। स्टैंड में यात्री सुविधाओं के अभाव में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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