script

नगर सरकार ने सामान्य सभा की बैठक में आमजनता के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध

locationजशपुर नगरPublished: May 24, 2023 11:56:12 pm

Submitted by:

SUNIL PRASAD

मनमानी: बुधवार को सम्पन्न हुए बजट को लेकर सामान्य सभा की बैठक

Office of Nagar Palika Parishad Jashpur

नगर पालिका परिषद जशपुर का कार्यालय

जशपुरनगर. आकंठ तक भ्रष्टाचार में डूबी नगर सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी कर नए विवाद को जन्म दे दिया। जशपुर नगरपालिका के अध्यक्ष नरेश चंद्र साय के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में सामान्य सभा की कार्रवाई के दौरान शहर के आम नागरिक और मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। नगरपालिका में सामान्य सभा की बैठक से ठीक पहले, जारी इस आदेश से विवाद की स्थिति बन गई। इस आदेश में सामान्य सभा की बैठक में पालिका के जनप्रतिनिधियों और अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा किसी को सभा कक्ष में प्रवेश न दिए जाने का उल्लेख किया गया था। नगरपालिका परिषद की सामान्य सभा की बैठक की प्रक्रिया शुरू होते ही निर्दलिय पार्षद हिमांशु वर्मा ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए, बैठक की कार्रवाई की रिपोर्टिंग करने पहुंचे पत्रकारों को सभा कक्ष में प्रवेश की अनुमति न दिए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संसद के साथ न्यायालय की कार्रवाई को पारदर्शी बनाया जा रहा है। ऐसे में नगरपालिका का यह आदेश घोर आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि इस आदेश से आम जनता में यह संदेश जाएगा कि आखिरएपालिका के अधिकारी व जनप्रतिनिधि कुछ छिपाने का प्रयास कर रहे हैं।
आपत्ति के बाद बैठक में बुलाए गए पत्रकार- पार्षद की इस आपत्ति के बाद, अध्यक्ष नरेशचंद्र साय ने सभाकक्ष के बाहर बैठे पत्रकारों को पूरे सम्मान के साथ बुलाया। इसके बाद, सभा की कार्रवाई शुरू हुई। परिषद के सामने विचार के लिए 16 बिंदु वाला एजेंडा विचार के लिए प्रस्तुत किया गया था। इन बिंदुओं में विचार के दौरान परिषद ने वार्षिक निविदा और जोनल टेंडर में कुछ गड़बडियों पर घोर आपत्ति जताई। वार्षिक टेंडर के लिए प्राप्त क्रसर डस्ट और मिट्टी की आपूर्ति के लिए 6 सौ और 3 सौ रुपए का दर भरे जाने पर पार्षदों ने आपत्ति जताई। पार्षदों का कहना था कि दोनो सामग्री की आपूर्ति के लिए जो दर स्वीकृति के लिए प्रस्तावित किया गया है, वह बाजार दर से कई गुना कम है। ऐसे में इस बात की पड़ताल की जानी चाहिए कि संबंधित ठेकेदार, इतने कम दर में किस प्रकार इन सामग्रियों की आपूर्ति करेगा। जोनल टेंडर की स्वीकृति को यह कहते हुए, अगले बैठक के लिए टाल दिया गया कि बीते साल के टेंडर का विवरण प्राप्त होने के बाद इस पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा।
जोनल टेंडर की जांच की मांग – परिषद की बैठक में जोनल टेडर की जांच की मांग जोरशोर से उठी। निर्दलिय पार्षद हिमांशु वर्मा का कहना था कि जोनल टेंडर में अधिकतम 5 लाख रूपए तक की स्वीकृति दी जा सकती है। लेकिन, नगरपालिका ने बीते साल तक 12 लाख रूपए तक का काम जोनल टेंडर में कराया है। इसके तहत वार्डो में कितना कार्य हुआ और कितना काम बचा हुआ है, इसका परीक्षण किया जाना चाहिए। जोनल टेंडर के प्रस्ताव को परिषद की अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया है।
राजस्व वसूली में कमी पर गहरी नाराजगी – पालिका के बजट की प्रस्तुत किया गया। बजट प्रस्तुती के दौरान पार्षदों ने राजस्व वसूली में कमी पर गहरी नाराजगी जताई। पार्षदों ने पालिका के राजस्व निरीक्षक की कार्यशैली और उनके व्यवहार पर गहरी आपत्ति जताते हुए, उनकी सेवा वापस करने का प्रस्ताव पास किया। प्लेसमेंट एजेंसी में बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ती का मामला भी सामान्य सभा में उठा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने इस पर आपत्ति जताते हुए, बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ति को निरस्त कर, स्थानीय लोगों को अवसर दिए जाने के लिए, उचित कार्रवाई का प्रस्ताव पास किया। शहर के रणजीता स्टेडियम के पास स्थित स्थायी गुमटियों को हटाए जाने के प्रस्ताव पर सहमति देते हुए, पार्षद व एल्डरमैन ने जोर दिया कि कार्रवाई के दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखा जाए कि किसी का रोजगार न छिने। इस चर्चा के दौरान एल्डरमैन सूरज चौरसिया ने नगरपालिका के दुकानों को किराए पर दिए जाने की जांच व कार्रवाई की मांग की।

ट्रेंडिंग वीडियो