जशपुरनगर/कुनकुरी. शनिवार को बीजापुर में हुए माओवादी हमले में जशपुर जिले के वीर जवान अरविंद मिंज शहीद हो गए थे। उनके पार्थिव शरीर को रविवार की देर शाम उनके पैतृक निवास कुनकुरी ब्लॉक के खारीझरिया लाया गया। जिसके बाद रात में ही शहीद जवान अरविंद मिंज का पूरे सामाजिक विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया।
इस अवसर पर उनके घर जिला पंचायत अध्यक्ष एवं भाजपा लोकसभा प्रत्याशी गोमती साय, कलक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, एसपी शंकरलाल बघेल, कुनकुरी थाना प्रभारी विशाल कुजूर सहित विभाग के अधिकारी भी श्रद्धांजलि सभा मे मौजूद रह कर परिजनों से मुलाकात की। साथ ही उनके दु:खद घड़ी में साथ रहे।
इस अवसर पर जिलास पंचायत की अध्यक्ष गोमती साय ने कहा कि अरविंद मिंज की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है हमारे वीर जवान अरविंद मिंज के ऊपर जो देश के लिए शहीद हुए हैं। हम उन्हें कभी नही भूलेंगे। वहीं जिला कांग्रेस अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने यह आश्वासन दिया है कि सरकार उनके साथ है और सरकार उनके परिवार को कभी कमजोर होने नहीं देगी। इस बीच कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष कुनकुरी एस इलियास, कांसाबेल ब्लॉक अध्यक्ष पूनम गुप्ता, शेराज खान, राकेश देवांगन, संजय पांडेय, सन्तोष पिंटू यादव, इफ्तखार हसन श्रद्धांजलि सभा मे शामिल हुए।
martyr Arvind Minj in his village in Naxal attack” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/04/29/04_7_4499579-m.jpg”>जैसे ही पार्थिव शरीर पहुंचा क्रंदन से गूंज उठा गांव
शहीद अरविंद के घर वालों को रविवार की सुबह 8 बजे उनकी शहादत की सूचना मिल गई थी। इसी समय गांव में भी यह खबर फैल चुकी थी। लोग अरविंद के घर पहुंचने लगे थे। वे परिजनों को ढाढस बंधा रहे थे। देर शाम जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा परिजनों के विलाप से आसमान भी रो पड़ा था। शहीद कांस्टेबल अरविंद के मां बाप भरी आंखों से तिरंगे में लिपटे अपने बेटे को देखकर सदमे में थे। परिजनों के क्रंदन से पूरा गांव गूंज उठा था। अपने लाल को देखने के लिए खारिझरिया ही नहीं आसपास के गांवों के लोग भी जुटे हुए थे।
बार-बार बेसुध होती रही मां
शहीद की मां को विश्वास नहीं हो रहा था कि
जिस लाल को उसने गोद में खिलाया था, वहीं आज उसे हमेशा के लिए छोड़कर जा रहा है। अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय बार-बार मां बेसुध हो रही थी। आस पड़ोस की महिलाएं उन्हे किसी तरह संभाली हुई थीं। अरविंद मिंज 22 अगस्त 2019 को पुलिस विभाग में भर्ती हुआ। 2013 में इसकी शादी शांता से हुई। आज उसके दो बेटे हैं एक 4 साल का ओलिवर, दूसरा 6 माह का मेनुविल मिंज। अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी।
शहीद अरविंद के घर वालों को रविवार की सुबह 8 बजे उनकी शहादत की सूचना मिल गई थी। इसी समय गांव में भी यह खबर फैल चुकी थी। लोग अरविंद के घर पहुंचने लगे थे। वे परिजनों को ढाढस बंधा रहे थे। देर शाम जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा परिजनों के विलाप से आसमान भी रो पड़ा था। शहीद कांस्टेबल अरविंद के मां बाप भरी आंखों से तिरंगे में लिपटे अपने बेटे को देखकर सदमे में थे। परिजनों के क्रंदन से पूरा गांव गूंज उठा था। अपने लाल को देखने के लिए खारिझरिया ही नहीं आसपास के गांवों के लोग भी जुटे हुए थे।
बार-बार बेसुध होती रही मां
शहीद की मां को विश्वास नहीं हो रहा था कि
जिस लाल को उसने गोद में खिलाया था, वहीं आज उसे हमेशा के लिए छोड़कर जा रहा है। अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय बार-बार मां बेसुध हो रही थी। आस पड़ोस की महिलाएं उन्हे किसी तरह संभाली हुई थीं। अरविंद मिंज 22 अगस्त 2019 को पुलिस विभाग में भर्ती हुआ। 2013 में इसकी शादी शांता से हुई। आज उसके दो बेटे हैं एक 4 साल का ओलिवर, दूसरा 6 माह का मेनुविल मिंज। अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी।