छोटे बच्चे ठिठुर रहे ठंड में : 2 छोटे बच्चे अक्षम पिता अपनी बेटियों के साथ चूल्हा जलाकर पूरी रात न्याय का इतंजार करते रहे पर किसी ने उनकी एक नहीं सुनी, जिसके बाद पूरा परिवार पूरी रात खुले आसमान के नीचे पड़ा रहा। रकबीर का कहना है, उसका परिवार लगभग 16 वर्षों से उसी जमीन पर निवास कर रहा है, जिसका दस्तावेज भी उनके पास है। बेहद गरीबी की हालत में केस मुकदमा लडऩा उनके बस की बात नहीं। वहीं करमचंद की मां का दावा है कि जमीन उनके पति जगरोपन की है जबकि जगरोपन ने उक्त जमीन का पहले ही सौदा कर रकबीर को बेच दिया था। मामले में इस प्रकार किसी परिवार को भरे ठंड में बेघर करना व्यवहारिक नहीं।
भटकते रहे पर परिवार की किसी ने सुध नहीं ली : इस दौरान रकबीर का पूरा परिवार दर दर न्याय के लिए भटकता रहा पर उनकी किसी ने सुध नहीं ली। मंगलवार को रकबीर अपने परिवार के साथ अपने घर मे घुस गया। और खाना बनाने के दौरान ग्राम सचिव अपने परिवार के साथ वहां पंहुचा और अपना मालिकाना हक जताते हुए रकबीर के परिवार को घर से बाहर निकालते हुए उनका सारा सामान घर से बाहर फेंक दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन व नगरीय प्रशासन के लोग मौके पर उपस्थित थे इसके बावजूद पीडि़त परिवार की किसी ने सुध नहीं ली, उल्टे पुलिस ने उन्हें डराया और घर से बाहर होने का आदेश दे दिया।
बहरहाल न्याय की आस में अब तक पूरा परिवार इस कडक़ड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर है। जिनके सर पर न तो छत है और न ही उनके पास रहने के लिए कोई घर, ऐसे में प्रशासनिक उदासीनता के साथ सारा सरकारी सिस्टम सवालों के घेरे में नजर आ रहा है। मामले में जब बगीचा के नगरपंचायत के सीएमओ को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। –