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आज शाम होगा होलिका दहन, जगह जगह की जा रही हैं तैयारियां

locationजशपुर नगरPublished: Mar 20, 2019 06:13:47 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

अंचल में गूंजने लगे हैं नगाड़े और फाग के गीत, 25 से अधिक स्थानों पर की गई है होलिका दहन की तैयारी

holika dahan

आज शाम होगा होलिका दहन, जगह जगह की जा रही हैं तैयारियां

जशपुरनगर. बुधवार को शहर में 25 से अधिक स्थानों पर होलिका जलाई जाएगी। जिसके लिए युवाओं व बच्चों ने तैयारी पूरी कर ली है। मस्ती का पर्व होली में अब महज एक दिन ही बच गया है। लोगों में पर्व की खुमारी और मस्ती छाने लगी है। सबसे अधिक उत्साह बच्चों में देखा जा रहा है। होलिका दहन के लिए बच्चों की टोली लकड़ी व कंडे इक_ा करने में लगी हुई है। वहीं युवा वर्ग फाग के राग में मस्त हैं। अंचल में नगाड़े और फाग गीत गूंजने लगे हैं। शहर में दो दर्जन बड़ी होलिका बनाई गईं हैं। वहीं बच्चों ने भी अपने-अपने मोहल्ले में होलिका दहन की तैयारी कर ली है।
मोहल्लों में छोटी-बड़ी 25 से ज्यादा होलिका सजाई गई हैं। जहां पर सूखी लकडिय़ां और कंडे इकट्टे किए जा रहे हैं। माना जाता है कि होलिका में लकडिय़ों के रूप में होली पर बुराइयों का दहन होता है। इसके लिए मुहूर्त का भी खास ध्यान रखा जाता है। मुहुर्त को लेकर पं. मनोज रमाकांत मिश्रा का कहना है कि हृषिकेश पंचांग के अनुसार 20 मार्च की सुबह 9 बजकर 19 मिनट से भद्रा का प्रभाव रहेगा। जो रात करीब 9 बजे तक रहेगा। इससे पूर्व होलिका न जलाएं। इसके बाद ही होलिका जलाने का शुभ मुहुर्त है। 21 मार्च गुरुवार को सभी जगह होली खेली जाएगी।

बुराई पर अच्छाई की जीत की है मान्यता : पं. मनोज रमाकांत मिश्रा ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार सतयुग में हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को नारायण नाम लेने से रोकना चाहा। पर भक्त प्रह्लाद नहीं माने। अंत में हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद की हत्या करने की ठान ली। उसकी बहन होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। हिरण्यकश्यप ने होलिका के साथ मिलकर उसे आग से जलाने की योजना बनाई। प्रह्लाद को गोद में लेकर होलिका लकड़ी की चिता में बैठ गई। पर भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद को अग्रि ने छुआ तक नहीं, बल्कि होलिका ही जलकर भस्म हो गई। तब से बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन के दूसरे दिन लोग उत्साहपूर्वक एक-दूसरे को रंग, गुलाल लगाकर और गले मिलकर बधाई देते हैं। इस दिन राग व द्वेष भूलकर दुश्मन को भी गले लगाया जाता है।
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