मकान की दीवार गिरने से घर में सो रही महिला हुई घायल, परिजनों ने पहुंचाया जिला अस्पताल
जिला मुख्यालय के आटापाठ गांव तक घुस गए दो हाथी, दो घरों को दिया तोड़
जशपुरनगर. जिला मुख्यालय जशपुर से लगे पनचक्की और किनकेल घाटी के बाद स्थित आटापाठ गांव में सोमवार की रात को अचानक दो हाथियों के गांव में पंहुच जाने से ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ा। गांव में घुसे हाथी ने दो मकानों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। एक घर को क्षतिग्रस्त करने से घर में सो रही महिला के ऊपर ही मिट्टी का दिवार गिर गया, जिससे वह गंभीर रुप से घायल हो गई। घायल महिला को रात में ही उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालक खतरे से बाहर बताई जा रही है। हाथियों का आतंक जिले में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब तक जो विकासखंड हाथियों के हमले से आंशिक रूप से सुरक्षित थे वहां भी खतरा मंडराने लगा है। जिले में स्थित आठ विकासखंडों में से चार विकासखंड बुरी तरह हाथी के हमले से प्रभावित हैं। जिले के पत्थलगांव, फरसाबहार, दुलदुला और बगीचा में इन दिनों हाथियों का सबसे अधिक आतंक है। जनहानि, फसलहानि और मकानहानि के हादसे लगातार हो रहे हैं। इन चार विकासखंडों के साथ ही जिला मुख्यालय में शहर के भीतर तक हाथियों की धमक तेज हो गई है। सबसे अधिक फरसाबहार, पत्थलगांव और बगीचा विकासखंड प्रभावित है। हाथियों के मामले में हैरत की बात यह है कि वन मंडल की ओर से उन्हें खदडऩेे के लिए अपनाए जा रहे सारे कवायद फेल होते जा रहे हैं। मसाल, मिर्च और फटाखे भी हाथियों को भगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
IMAGE CREDIT: patrika मंगलवार की रात को जिला मुख्यालय से १० किलोमीटर दूर आटापाठ के ग्रामीण खाना खाकर अपने अपने घरों में सो रहे थे। उसी दौरान रात १० बजे दमेरा की ओर से अचानक २ हाथी आटापाठ बस्ती में घुस गए थे। गांव में घुसे हाथी ने सबसे पहले आटापाठ निवासी प्यारी यादव के घर में धावा बोल दिया। हाथी ने प्यारी यादव के घर की दीवार को अपने सूढ़ से गिरा दिया था। हाथी ने जिस ओर से घर के दीवार को गिराया गया था उस दीवार की ओर प्यारी यादव की पत्नी सतमनी यादव अपनी बेटी के साथ सो रही थी। जिसके कारण दीवार का पूरा मलबा सतमनी यादव के ऊपर ही गिर गया था और वह दीवार के मलबे में दब गई थी। दीवार गिरने के बाद सतमनी यादव ने जब शोर मचाना शुरु किया तो उसके घर के अन्य सदस्य उठ गए और घर के बाहर निकल कर देखा तो उनके घर के बाहर में दो हाथी खड़े थे। हाथियों को देखने के बाद प्यारी यादव के परिवार वाले किसी तरह हाथी से बचते हुए निकल कर शोर मचा कर गांव वालों को उठाया और हाथी को भगाने का प्रयास किया। इसी दौरान प्यारी यादव ने मलबे में दबी हुई अपनी पत्नी सतमनी यादव को मलबे से बाहर निकाल कर उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। मलबे में दब जाने के कारण सतमनी यादव को हाथ में और सिर में चोटें आई हैं। मोटर सायकल की लाइट से भगाया हाथी : हाथी के द्वारा प्यारी यादव के घर को नुकसान पंहुचाने के बाद प्यारी यादव और उसके परिवार वालों ने शोर मचाते हुए बस्ती के अन्य लोगों को भी उठा दिया। जिसके बाद आटापाठ बस्ती के ग्रामीणों ने शोर मचा कर हाथी को भगाने का प्रयास करना शुरु कर दिया। वहीं मंगलवार की रात ८ बजे से ही बस्ती में लाईट नहीं थी। जिसके कारण ग्रामीणों को हाथियों को भगाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बस्ती में पर्याप्त रौशनी नहीं होने के कारण बस्ती के कुछ लोगों ने अपने अपने मोटर सायकल को निकाला और उसके हेडलाईट की रोशनी से हाथी को भगाने का प्रयास शुरु कर दिया था। आटापाठ के ग्रामीणों के द्वारा हाथी को भगाने के दौरान हाथी आटापाठ से भागते हुए भगतपाठ पंहुच गए। भगतपाठ में भी हाथी के द्वारा भरतु यादव के घर को नकुसान पंहुचा दिया। जिसके बाद आटापाठ और भगतपाठ के ग्रामीण एक साथ मिलकर दोनो हाथियों को मोटर सायकल के हेडलाईट की रोशनी से किसी तरह अपने गांव से बाहर खदेड़ा। ग्रामीणों के द्वारा हाथी को भगाने से हाथी कोमड़ो जंगल की ओर चले गए हैं।