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लोगों को चिंता न अधिकारियों की फिक्र शहर में बने पांच हजार निजी मकानों में से सिर्फ एक घर में है वाटर हार्वेस्टिंग

locationजशपुर नगरPublished: Jun 13, 2019 12:18:45 pm

Submitted by:

Murari Soni

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में लोगों के साथ नगरपालिका के अधिकारी भी कर रहे हैं मनमानी

Water Harvesting Systems not Introducing Homes

लोगों को चिंता न अधिकारियों की फिक्र शहर में बने पांच हजार निजी मकानों में से सिर्फ एक घर में है वाटर हार्वेस्टिंग

जशपुरनगर. वाटर लेबल बढ़ाने के लिए नए भवनों के निर्माण की अनुमति लेते समय वाटर हार्वेस्टिंग नक्शा में ही पास किया जाता है। इसके अभाव में मकान बनाने की अनुमति नहीं मिलती है, लेकिन भवन बनाने वाले मकान स्वामी नगरपालिका की अनुमति मिलने के बाद वे इसे बनाना ही भूल जाते हैं। वहीं नगरपालिका के अधिकारी भी इसे अनदेखी कर देते हैं और भवन बनाने की अनुमति देने के बाद वे यह चेक भी नहीं करते कि नव निर्मित भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना है या नहीं। शहर में २०११ की भवन जनगणना के आधार पर ५ हजार से अधिक मकान है, लेकिन इनमें से मात्र एक निजी मकान में ही वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण किया गया है।
जल संकट से उबरने के लिए भूमि का जल स्तर बढ़ाने शासन ने पहले से ही शासकीय और गैर शासकीय सभी भवनों के निर्माण में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने को अनिवार्य कर दिया है। शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए शुल्क जमा करने के बाद ना मकान मालिक इसका स्ट्रक्चर बनवा रहे हैं और ना ही पालिका इसमें ध्यान दे रहा है। शासन ने २०१७ में रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं बनाने वालों भवन स्वामियों से विलंब शुल्क लेकर इसके निर्माण का आदेश दिया था लेकिन जल सरंक्षण के इन प्रयासों के लिए आगे कोई काम नहीं हो सका है। वाटर हार्वेस्टिंग के लिए पालिका के द्वारा मकान मालिक से 55 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क लिया जाता है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से जो नक्शा एप्रुव कराया जाता है। उसमें भी इस रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का उल्लेख होता है। इसी के आधार पर भवन अनुज्ञा जारी कर नगर पालिका प्रशासन के द्वारा भी इस मद में राशि जमा कर जल सरंक्षण की खानापूर्ति कर ली जाती है। भवन निर्माण के लिए नक्शा एप्रुव हो जाने के बाद मकान मालिक अपना भवन निर्माण तो पूर्ण कर लेते हैं। लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना ही भूल जाते हैं। भूजल सरंक्षण के लिए शासन ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए नियम कड़े किए थे और नगरीय प्रशासन ने भी आदेश जारी किया था। इसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाने वाले भवन स्वामियों से प्रति 100 वर्ग मीटर एरिया के लिए 1 हजार रुपए सालाना की दर से पेनाल्टी लेने को कहा था लेकिन जल सरंक्षण के लिए अधिकारियों ने यह आदेश भी भुला दिया।

शासकीय भवनों में बना है हार्वेस्टिंग सिस्टम : शासन के द्वारा शासकीय एवं गैर शासकीय भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिए जाने के बाद शहर के सभी शासकीय भवनों में इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। वर्ष 2007-08 के बाद प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इस पर कार्य प्रारंभ कर दिया था और सभी विभागों के कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराया गया। शासन के नवनिर्मित शासकीय कार्यालयों में भवन निर्माण के साथ ही अनिवार्य रूप से इसका निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन निजी संस्थान इस पर कोई रूचि नहीं लेते हैं।
हर साल एक से डेढ़ सौ मकानों का हो रहा निर्माण : जशपुर नगर पालिका क्षेत्र में वर्ष २०११ में हुए भवन गणना के आधार पर शहर में कुल ५४४५ निजी मकानों की संख्या है। वहीं इसके अलावा प्रतिवर्ष १०० से १५० नए भवनो का निर्माण भी कराया जा रहा है। लेकिन किसी भी भवन निर्माण में रेन वाटर हर्वोस्टिंग सिस्टम को नहीं बनाया गया है। नगर पालिका से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष ४७ नए भवनो के निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है। ४७ लोगों ने भवन निर्माण के पूर्ण अपने मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराने के लिए ५५ रुपए वर्ग फीट के हिसाब से बकायदा नगर पालिका के पास राशि भी जमा कर दिया है। नगर पालिका के पास ४७ लोगो से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए ४.५० लाख रुपए जमा है। इन लोगों में से मात्र मिलन चौक निवासी मधुसुदन सिंह के द्वारा अपने मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराया है, वहीं अन्य लोगों ने नगर पालिका में राशि जमा करने के बाद भी इसके निर्माण में कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसके पूर्व भी ४० लोगों ने भवन निर्माण की स्वीकृति नगर पालिका से ली थी और उन लोगों के द्वारा भी राशि नगर पालिका में जमा कराया गया था। नगर पालिका के पास पूर्व का ४ लाख रुपए भी जमा है। यहां के लोगों के द्वारा ना तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को बनाने में ध्यान दे रहे हैं और ना ही नगर पालिका से अपने रुपए वापस लेना चाह रहे हैं।
&सभी शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराया गया है। वहीं नए मकानों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
बसंत बुनकर, सीएमओ, नगरपालिका, जशपुर

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