जशपुर नगर

जिले में बने स्टाप डैम के रख रखाव को लेकर संजीदा नहीं है जल संसाधन विभाग्र

बदहाली : कहीं के स्टाप डैम जर्जर तो कहीं के पानी रोकने के लिए विभाग ने नहीं लगाया गेट

जशपुर नगरMay 12, 2019 / 12:02 pm

Murari Soni

जिले में बने स्टाप डैम के रख रखाव को लेकर संजीदा नहीं है जल संसाधन विभाग्र

जशपुरनगर. जल संसाधन विभाग जिले में बने स्टाप डेम के रखरखाव को लेकर संजीदा नहीं है। विभाग की लापरवाह रवैये के कारण अब स्टाप डेमो में पानी एकत्र नहीं हो रहा है। कहीं के स्टाप डेम जर्जर हो गए हैं तो कहीं के स्टाप डेम में पानी रोकने के लिए गेट ही नहीं लगाया है। ऐसे ही शहर में बहने वाली बांकी नदी में पर्याप्त पानी के लिए तीन किलोमीटर के अंदर में ७ स्टाप डेम बनाए गए हैं। इन स्टाप डेमों में से मात्र दो में गेट लगा हुआ है अन्य स्टाप डेम में निर्माण होने के बाद से ही गेट नहीं लगाया गया है। जिसके कारण नदी में पानी ही नहीं रुकता है।
सिटोंगा से निकलने वाला बांकी नदी जीवित नदी है और इस नदी में वर्ष भर पानी रहता है। लेकिन गर्मी के शुरु होने के साथ ही इस नदी में भी जल स्तर कम हो जाता है। इस नदी में पर्याप्त जल स्तर बनाए रखने के लिए वर्षाे पूर्व सात स्टाप डेमो का निर्माण कराया गया है, लेकिन इन सात स्टाप डेमों में मुक्ति धाम के पास बनाए गए स्टाप डेम ही सही हालत में है और यहां गेट बंद होने के कारण अब यहां वर्ष भर पर्याप्त पानी भरा हुआ रहता है। वहीं शहर के संजय निकूंज के नीचे भी एक स्टाप डेम का निर्माण कराया गया है और इस स्टाप डेम में भी बीते तीन चार वर्ष पूर्व गेट लगाया गया था, लेकिन देखरेख के आभाव में गेट में लिकेज आ जाने के कारण नीचे से ही सारा पानी बह जा रहा है जिसके कारण यहां भी पर्याप्ट पानी स्टोर नहीं हो पा रहा है। वहीं संजय निकूं ज से आगे डौडकाचौरा के हाऊसिंग बोर्ड के पीछे और बांकी टोली में भी पानी को स्टोर करने के लिए स्टाप डेम का निर्माण कराया गया है। लेकिन इन दोनो स्टाप डेम के निर्माण के बाद से ही यहां स्टाप डेम में गेट नहीं लगाया है,जिसके कारण इन दोनो स्थानों में भी पानी स्टोर नहीं हो रहा है। डौडकाचौरा के हाऊसिंग बोर्ड के पीछे बनाया गया स्टाप डेम देखरेख के आभाव में अब पूरी तरह से जर्जर होने की स्थिति में आ गया है। बाकी नदी में बने सभी स्टाप डेम विभाग के उपेक्षा का शिकार होकर रह गए हैं।
शहर के अंदर से निकलने वाली बाकी नदी में तीन किलोमीटर के अंदर में 7 स्टाप डेम बनाए गए है। इन सातों स्टाप डेम का पड़ताल की तो पाया कि मुक्तिधाम के पास बने स्टाप डेम के पास लबालब पानी भरा हुआ है। बांकी टोली, डौडकाचौरा सहित अन्य स्थानों के स्टाप डेम में अभी तक गेट हीं नहीं लगाए है। बांकी टोली का स्टाप डेम मरम्मत के अभाव में कभी भी टूट सकता है। इन स्टाप डेम की समय पर मरम्मत कर दी जाए तो नगर वासियों को गर्मी के मौसम में जरूरत का पानी मिल सकता है।
पार्षद की पहल से बचा है एक स्टाप डैम०
शहर के बाकी नदी में बने हुए स्टाप डेम में से एक स्टाप डेम शहर के पार्षद की पहल से बचा हुआ है। मुक्तिधाम में निर्माण के समय वहां पानी की आवश्यक्ता को देखते हुए शहर के पार्षद सत्येंद्र सिंह ने बने स्टाप डेम में अपने खर्चे से गेट लगा कर पानी को स्टोर किया था। पानी स्टोर होने के बाद वहां के पानी से ही निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद सत्येंद्र सिंह ने स्टाप डेम में लगे हुए गेट का यथावत रहने दिया। जिसके कारण आज भी वहां का गेट बंद है और वर्ष भर मुक्तिधाम के स्टाप डेम में पानी भरा हुआ रहता है।
पानी रोकने से गर्मी में नहीं होगी समस्या
विभाग व निकाय के द्वारा मोटी राशि कर जिन जगहों में स्टाप डेम बनाया गया है। उन जगहों पर एक भी गेट नहीं लगे हुए है। जिससे पानी व्यर्थ बह रहा है। और न ही इसका उपयोग हो रहा है। यदि इन्हीं स्टाप डेमों को फरवरी से ही गेट लगाकर बंद कर दिया गया होता तो अब तक पानी लबालब भर गया होता और यह निस्तारी जल की समस्या का समाधान हो जाता। जशपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सैकडों गांव निस्तारी जल की संकट से जूझते है। उसका तो समाधान होता साथ साथ पशु पक्षियों को भी वहां पीने के लिए पानी मिल जाता। लेकिन न तो इस पर पंचायत पहल करता है और न ही संबंधित विभाग।
&कुछ स्टाप डेम आरईएस एवं अन्य विभाग के द्वारा भी बनवाया जाता है, बांकी नदी में स्टाप डेम कब बना है इसको देखना पड़ेगा। यदि स्टाप डेम में गेट नहीं लगा है तो इसके लिए प्रस्ताव बना कर कलक्टर को भेजा जाएगा।
डीआर दर्रो, कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग

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