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अभी तक नगरपालिका ने पीएचई से जल आवर्धन योजना को नहीं लिया हैंडओवर, सिर्फ हो रहा पत्राचार

locationजशपुर नगरPublished: Sep 02, 2018 02:36:04 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

२ बार कलक्टर और ६ बार पीएचई विभाग ने इस सम्बंध में जारी किया है पत्र

jashpur nagar

अभी तक नगरपालिका ने पीएचई से जल आवर्धन योजना को नहीं लिया हैंडओवर, सिर्फ हो रहा पत्राचार

जशपुरनगर. जिला मुख्यालय में नगरपालिका क्षेत्र के 20 वार्डों को पानी उपलब्ध कराने के लिए शहर से ७ किलोमीटर दूर डुमरटोली में एनिकट का निर्माण कराया गया है और इस एनीकट के माध्यम से ही शहर के लोगों को पेयजल की सप्लाई की जा रही है। लेकिन जशपुर नगरपालिका परिषद ने अभी तक जल आवद्र्धन योजना को पीएचई विभाग से हैंडओवर नहीं लिया है। नगरपालिका को आवद्र्धन योजना को हैंड ओवर लेने के लिए २ बार कलक्टर और ६ बार पीएचई विभाग ने पत्र जारी कर दिया है, इसके बावजूद भी नगरपालिका इसे हैंडओवर नहीं ले रहा है।
जिला मुख्यालय से ६ किलोमीटर दूर डुमरटोली लावा नदी में १४ करोड़ रुपए की लागत से बने जल आवद्र्धन योजना की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल को देखते हुए जशपुर नगरपालिका ने अब तक इसे अपने अधीन नहीं लिया है। बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद टेस्टिंग के दौरान जिस तरह शहर में बिछाए गए पाइप लाइन जगह जगह से फूटी थी, उसे देखते हुए पालिका के जनप्रतिनिधि व अधिकारी हैंड ओवर लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। पीएचई और जल संसाधन विभाग ने हैंड ओवर देने के लिए कई बार पालिका से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन मामला अब तक अधर में लटका हुआ है। इस बीच शहर की प्यास बुझाने की अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करने के लिए नगरपालिका ने बिना हैंड ओवर लिए ही इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी सम्हाल रखा है। लेकिन योजना में बार-बार तकनीकि खराबी आने से जल आपूर्ति करने में नगर पालिका को आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है और प्रदेश सरकार द्वारा आय व्यय की अंतर राशि की आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे नगरपालिका पर जल आवद्र्वन योजना का संचालन करने में हांथ पांव फूल रहे हैं।
सिर्फ हो रहा पत्राचार
जल आवद्र्धन योजना तैयार होने के बाद जुलाई २०१६ में इसकी टेस्टींग करने के बाद जगह जगह पाईप लाईन में टूट फूट होने के बाद पीएचई विभाग के द्वारा उसकी मरम्मत कराई गई। उसके बाद से पीएचई ने उसे नगर पालिका को हैंडओवर लेने के लिए पत्राचार किया गया, लेकिन नगरपालिका के द्वारा उसे हैंड ओवर लेने को तैयार नहीं हुआ है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पीएचई विभाग ने हैंडओवर लेने के लिए नगरपालिका को ११ मई २०१७, २१ जून २०१७, १४ जुलाई २०१७, २५ सिंतबर २०१७ एवं २२ मार्च २०१८ को नगरपालिका को पत्र जारी किया है। इसके साथ ही कलक्टर के द्वारा ९ मार्च २०१८ एवं २३ फरवरी २०१८ को हैंडओवर लेने के लिए पत्र जारी किया गया था। इतने पत्र जारी होने के बाद भी नगरपालिका के द्वारा इस योजना को हैंडओवर नहीं लिया जा रहा है।
29 साल पुराने इंटकवेल से जल आपूर्ति जल आवद्र्वन योजना से जल आपूर्ति ठप होने के बाद नगरपालिका द्वारा शहर में जल आपूर्ति को बनाए रखने के लिए 29 साल पुराने इंटकवेल का सहारा ले रही है, जिसका लोकार्पण मध्यप्रदेश के जमाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने किया था। इस पुराने योजना के पंप हाउस को चालु करने के लिए नगरपालिका के अधिकारी व कर्मचारियों को खासी मशक्कत करना पड़ा रहा है। जानकारी के मुताबिक 80 के दशक में जल आवद्र्वन योजना की शुरूआत में इस इंटकवेल का निर्माण किया गया था। समय के साथ इस इंटकवेल से मांग के अनुपात में पानी की आपूर्ति करने में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए ही 14 करोड़ की लागत से प्रदेश सरकार ने इस इंटकवेल के नजदीक नए जल आवद्र्वन योजना का निर्माण कराया था, लेकिन घटिया निर्माण और ड्राइंग डिजाइन में तकनीकि गड़बड़ी ने इस पूरे योजना पर पानी फेर दिया है। नए बनाए गए पंप हॉऊस में रेत चले जाने से तीनों पंप खराब हो गए थे।
&नगर पालिका को हैंडओवर लेने के लिए कई बार पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन जशपुर नगरपालिका के द्वारा इसे हैंडओवर लेने में कोई रूचि नहीं दिखाई जा रही है। हैंडओवर लेने के लिए नगरपालिका को फिर से एक पत्र जारी किया जा रहा है।
एसके शुक्ला, कार्यपालन अभियंता पीएचई जशपुर
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