जल आवद्र्धन योजना तैयार होने के बाद जुलाई २०१६ में इसकी टेस्टींग करने के बाद जगह जगह पाईप लाईन में टूट फूट होने के बाद पीएचई विभाग के द्वारा उसकी मरम्मत कराई गई। उसके बाद से पीएचई ने उसे नगर पालिका को हैंडओवर लेने के लिए पत्राचार किया गया, लेकिन नगरपालिका के द्वारा उसे हैंड ओवर लेने को तैयार नहीं हुआ है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पीएचई विभाग ने हैंडओवर लेने के लिए नगरपालिका को ११ मई २०१७, २१ जून २०१७, १४ जुलाई २०१७, २५ सिंतबर २०१७ एवं २२ मार्च २०१८ को नगरपालिका को पत्र जारी किया है। इसके साथ ही कलक्टर के द्वारा ९ मार्च २०१८ एवं २३ फरवरी २०१८ को हैंडओवर लेने के लिए पत्र जारी किया गया था। इतने पत्र जारी होने के बाद भी नगरपालिका के द्वारा इस योजना को हैंडओवर नहीं लिया जा रहा है।
29 साल पुराने इंटकवेल से जल आपूर्ति जल आवद्र्वन योजना से जल आपूर्ति ठप होने के बाद नगरपालिका द्वारा शहर में जल आपूर्ति को बनाए रखने के लिए 29 साल पुराने इंटकवेल का सहारा ले रही है, जिसका लोकार्पण मध्यप्रदेश के जमाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने किया था। इस पुराने योजना के पंप हाउस को चालु करने के लिए नगरपालिका के अधिकारी व कर्मचारियों को खासी मशक्कत करना पड़ा रहा है। जानकारी के मुताबिक 80 के दशक में जल आवद्र्वन योजना की शुरूआत में इस इंटकवेल का निर्माण किया गया था। समय के साथ इस इंटकवेल से मांग के अनुपात में पानी की आपूर्ति करने में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए ही 14 करोड़ की लागत से प्रदेश सरकार ने इस इंटकवेल के नजदीक नए जल आवद्र्वन योजना का निर्माण कराया था, लेकिन घटिया निर्माण और ड्राइंग डिजाइन में तकनीकि गड़बड़ी ने इस पूरे योजना पर पानी फेर दिया है। नए बनाए गए पंप हॉऊस में रेत चले जाने से तीनों पंप खराब हो गए थे।
&नगर पालिका को हैंडओवर लेने के लिए कई बार पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन जशपुर नगरपालिका के द्वारा इसे हैंडओवर लेने में कोई रूचि नहीं दिखाई जा रही है। हैंडओवर लेने के लिए नगरपालिका को फिर से एक पत्र जारी किया जा रहा है।
एसके शुक्ला, कार्यपालन अभियंता पीएचई जशपुर