उसके अनुसार बगीचा के सामरबहार से प्लेसमेंट कम्पनी के जरिये कमाने खाने तमिलनाडु गए युवक की वहां जिस फैक्ट्री में ये काम करते थे वहां से भागकर अपने गांव आने के क्रम में चन्नई के लिए पैदल ही निकल जाने और फिर दो दिनो तक भूखे-प्यासे चलने और तीसरे दिन खाना मिलने पर खून की उल्टी के बाद मौत की खेबर है। बताया जा रहा है कि मृतक युवक का शव लगभग 25 दिनों से तमिलनाडु के ही एक अस्पताल के फ्रिजर में रखा हुआ है।
जानकारी के अनुसार मृतक आदिवासी समुदाय से है और 2 माह पहले रायगढ़ के एक प्लेसमेंट के स्थानीय दलाल के माध्यम से तमिलनाडु गया था। अस्पताल प्रबंधन द्वारा रविवार को मृतक के घरवालों को सूचना दी गई और मृतक का फोटो भी अस्पताल वालों ने भेजा है। मृतक के घरवालों का कहना है कि अस्पताल वालों ने फोन करके उनसे यह पूछा है कि लाश को वे अपने घर ले जाएंगे या नहीं, जिसपर मृतक के भाई ने बताया कि उनकी आर्थिक हैसियत ऐसी नहीं है कि वे तमिलनाडु जाएं, इसलिए उन्होंने अस्पताल वालों को यह बोल दिया कि लाश का अंतिम संस्कार वहीं कर दें, वे वहां जाने में सक्षम नहीं है।
दो तीन दिन पैदल चलने के बाद भूख से मौत इस पूरे मामले में दुखद पहलू यह है कि मृतक की मौत भूख से होना बताया जा रहा है। मृतक कामेश्वर 25 वर्ष के छोटे भाई रामेश्वर ने बताया कि उसका भाई तमिलनाडु के किसी गैरेज में काम करता था। कम्पनी के मालिक ने उसका आधार कार्ड और मोबाईल को जप्त कर लिया था। कम्पनी के इस रवैये से मृतक परेशान होकर घर आना चाहा तो कम्पनी ने उसे छुट्टी नहीं दिया उल्टा पैसे भी नहीं दिए। आखिर में मृतक बगीचा के बगडोल के रहने वाले एक साथी के साथ कम्पनी से बाहर निकल गया और दोनो मिलकर पैदल ही घर आने लगे।
पैदल इसलिए, क्योंकि उनके पास फूटी कौड़ी भी नहीं थे। चूंकी उनके पास यात्रा या रास्ते में खाने पीने के भी पैसे नहीं थे इसलिए 2 दिनों तक वह भूखे रहे और पैदल चलते रहे। तीसरे दिन किसी की मदद से उसे खाना मिला लेकिन खाना खाते ही कामेश्वर को खून की उल्टीयां आने लगी और वो सीरियस हो गया। उसे आनन-फानन में हिन्दी समझने वालों की मदद से एंबुलेंस बुलाकर तिरुपत्तूर शहर के एक अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई, तब से आज तक उसका शव अस्पताल के फ्रिजर में रखा है। मौत की खबर तो घर वालों को कल मिली लेकिन उसकी मौत कैसे हुई इसकी दास्तान मृतक के साथी जो बकडोल का रहने वाला है, उसने आकर बताया।
जशपुर कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने कहा, जशपुर जिला प्रशासन की एक टीम मृतक मजदूर के परिजनो को लेकर तमिलनाडु जा रही है, जिसमें श्रम विभाग और पुलिस विभाग के लोग शामिल हैं। परिजन शव लेकर आने या वहीं सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार जैसा करना चाहें वैसी सुविधा जिला प्रशासन की ओर से मुहैया कराने के निर्देश दे दिए गए हैं।
जशपुर एसपी विजय अग्रवाल ने कहा, बगीचा थाना प्रभारी को मृतक मजदूर के परिजनो और तमिलनाडु के घटना वाले थाना के प्रभारी से लगातार संपर्क में रहने और हर संभव मदद के निर्देश दिए गए हैं।