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जौनपुर में रोजाना बर्बाद होता है 36 लाख लीटर पानी

locationजौनपुरPublished: Apr 15, 2016 02:15:00 pm

खतरा बन मंडराया आरओ ,शुद्ध पानी की चाहत मारेगी प्यासा

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जौनपुर. शु़द्ध पानी की चाह में हर घर पहुंच चुका आरओ प्यूरीफायर हमें एक-एक कतरा पानी के लिए तरसाने वाला है। क्योंकि वाटर प्यूरीफायर जितना पानी हमें शुद्ध करके देता है उसका तीन गुना पानी बर्बाद कर देता है। 

चिंता सिर्फ घरों में लगे प्यूरीफायर नहीं हैं, बल्कि नगर के हर गली-नुक्कड़ पर खुल चुके आरओ वाटर प्लांट भी हैं। क्योंकि ये प्लांट उन घरों को भी शुद्ध पानी पहुंचाने का धंधा करते हैं जो आरओ मशीन लगवा पाने में अक्षम हैं। वर्तमान समय में पानी की किल्लत झेल रहे देश के कई राज्य की दशा देखकर जिला प्रशासन चिंतित तो है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।न ही इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के पचहत्तर जिले में एक जिला जौनुपर भी है। इसकी शहरी आबादी 3 लाख के करीब है। इन 3 लाख लोगों में से कम से कम डेढ़ लाख लोगों की पहुंच में शुद्ध पानी यानी आरओ वाटर आसानी से है। अधिकतर के पास घरों में अलग-अलग कंपनियों के प्यूरीफायर लगे हैं। और जिनके घरों में प्यूरीफायर लगाने का बजट नहीं है वो भी बाजार में उपलब्ध जार वाला पानी रोजाना इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन हमारी चिंता ये नहीं है कि लोग शुद्ध पानी पी रहे हैं। चिंता ये है कि शुद्ध पानी की भागम भाग में कितना पानी हम नाली में बहा दे रहे हैं। किसी भी कंपनी का प्यूरीफायर लगवाने से पहले पड़ताल करिए तो पता चलता है कि मशीन में 4 लीटर पानी जाने के बाद वो 1 लीटर शुद्ध पानी देता है। बाकी 3 लीटर पानी वो वेस्ट कर देता है। 

यही हाल कुकुरमुत्ते की तरह खुल चुके आरओ प्लांट का भी है। वहां भी 4 लीटर पानी में से 3 लीटर पानी व्यर्थ कर दिया जाता है। लेकिन यहां पानी व्यर्थ करने की मात्रा घरों से ज्यादा है। गर्मी के दिनों में पानी की खपत बढ़ती है तो बर्बाद होने वाले पानी की मात्रा भी बढ़ जाती है। अगर किसी परिवार में सदस्यों की संख्या औसतन 5 रखें तो पानी की बर्बादी का आंकड़ा कलेजा हिला देगा। खाना पकाने से लेकर पीने तक के लिए एक घर में करीब 40 लीटर शुद्ध पानी खर्च होता है। 

यानी 40 लीटर पानी के लिए एक घर में 120 लीटर पानी बर्बाद किया जाता है। औसत निकला कि एक व्यक्ति पर करीब 24 लीटर पानी की बर्बादी रोजाना हो रही है। अब अकेले जौनपुर का हिसाब लगाएं तो डेढ़ लाख शुद्ध पानी पीने वाले लोगों ने एक दिन में 36 लाख लीटर पानी बर्बाद कर दिया। ये आकड़ा अगर आप उत्तर प्रदेश के सभी जिलों पर लागू करेंगे तो कैल्क्युलेटर भी जवाब देने में हाथ खड़े कर देगा। 

इस बर्बादी के लिए घरों में लगे प्यूरीफायर के साथ पानी के धंधे में जुटे लोगों का बड़ा हाथ है। अभी तक शुद्ध पानी की चाहत रखने वालों की संख्या आर्थिक तंगी के चलते कम थी। लेकिन 20 रूपए में 20 लीटर पानी जार मंे भरकर घरों और दुकानों तक पहुंचाने वालों ने इस समस्या को और विकट कर दिया है। ये बर्बादी शादियों के मौसम में और बढ़ जाती है। 

क्योंकि शादियों में अनगिनत आने वाले आरओ जार से अमूमन लोगों को हाथ भी धोते देखा गया है। आवश्यकता है महाराष्ट्र में पानी के लिए तरस रहे लोगों की हालत से सबक लेने की। क्योंकि नदियां सूख रही हैं। पानी का स्तर लगातार नीचे की ओर बढ़ रहा है। और हम शुद्ध पानी की चाह में बेतहाशा पानी बर्बाद कर रहे हैं। जिला प्र्रशासन भी पानी की किल्लत के प्रति फिक्रमंद तो है लेकिन पानी बचाने के लिए कोई कदम अभी नहीं उठाया। कम से कम आरओ प्लांट चलाने वालों पर प्रशासन नकेल तो लगाई ही जा सकती है।
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