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2019 चुनाव में इस सांसद को दोबार उम्मीदवार बना सकती है भाजपा, सीएम योगी समेत बड़े नेताओं को बुलाकर खेला दांव

locationजौनपुरPublished: Sep 12, 2018 02:38:35 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

2014 में भी केपी सिंह ने उड़ाये थे सबके होश

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2019 चुनाव में इस सांसद को दोबार उम्मीदवार बना सकती है भाजपा, सीएम योगी समेत बड़े नेताओं को बुलाकर खेला दांव

जावेद अहमद की रिपोर्ट…

वाराणसी. 2019 चुनाव में टिकट पाने के लिए भाजपा के नेताओं ने खेल खेलना शुरू कर दिया है। पार्टी में तमाम विरोध के बाद भी सांसदों को लग रहा है कि जब तक मोदी और शाह का युग है तब तक जीत का स्वाद चखने से कोई रोक नहीं सकता । इसीलिए टिकट पाने की जुगत में भाजपा के एक और सांसद ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है।
जी हां जौनपुर संसदीय सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद हैं कृष्ण प्रताप सिंह। गुरूवार 13 सितंबर को इनके पिता उमानाथ की पुण्यतिथि है। जिसका आयोजन हर साल कि तरह इस बार भी तिलकधारी महाविद्यालय में किया जा रहा है। ये वही तिलकधारी महाविद्यालय है जिसके प्रबंधक भी कभी सांसद केपी सिंह के पिता उमानाथ सिंह ही हुआ करते थे। इसी बीच सांसद ने इस मौके पर सीएम योगी समेत भाजपा के कई कद्दवार नेताओं को बुलाकर पार्टी के नेताओं में ही खलबली मचा दी है। दबी जुबान से ही सही लेकिन भाजपा के नेता परेशान हैं कि कहीं आने वाले चुनाव में भी केपी सिंह को दोबार भाजपा उम्मीदवार न बना दे।
2014 में भी केपी ने उड़ाये थे सबके होश

बतातें कि सांसद कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ केपी सिंह के पिता उमानाथ सिंह भाजपा की सरकार में मंत्री थे। 1993 में उमानाथ सिंह के निधन के बाद ये परिवार राजनीतिक हासिये पर रहा। कृष्ण प्रताप भी दो- एक छोटे चुनाव लड़े लेकिन कोई खास पहचान नहीं मिली। इसी बीच 2014 में लोकसभा चुनाव का ऐलान हुआ। पूर्व केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद, भाजपा की कद्दवार नेता सीमा द्विवेदी, समेत दो दर्जन बड़े नेताओं का नाम टिकट के दावेदारों में शामिल रहा। लेकिन जब टिकट की लिस्ट जारी हुई तो सबके होश उड़ गये। टिकट उस युवा को मिला जिसकी पहचान न के बराबर थी। नाम था कृष्ण प्रताप सिंह। चुनाव हुए, परिणाम आया तो मोदी लहर में भारी मतों के अंतर से प्रतिद्दन्दी को मात दे दिया।
पहले भी भाजपा और संघ के दिग्गज नेताओं से रहे हैं पारिवारिक संबन्ध

राजनीति के जानकार बताते हैं कि सांसद के पिता उमानाथ सिंह संघ के बड़े नेताओं में से थे। इस वजह से इस परिवार की पैठ संघ और भाजपा के नेताओं में भी खूब रही। कहा तो ये भी जाता है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी पिछली बार केपी सिंह को टिकट दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अब एक बार फिर चुनाव से कुछ ही महीने पहले बड़े नेताओं को जुटाकर केपी सिंह 2019 के टिकट पाने की जुगत में लगे हैं। देखना ये होगा कि ये दांव कितना सफल होता है।
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