अपने पत्र में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में लखनऊ में आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े थे, उन्हें 184000 वोट मिले । जिसमें शिया समुदाय ने उन्हें खूब वोट दिया । अब शिया समुदाय सवाल कर रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने उसको क्या दिया। इसलिए इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी तथा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्यता से अपना इस्तीफा भेज रहे हैं। पार्टी इसे स्वीकार करके उन्हें मुक्ति दे। पार्टी में जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी के हित के लिए कार्य करते रहेंगे । वैसे भी पार्टी ने तय किया है कि 50 वर्ष से ऊपर के लोगों की कोई जगह पार्टी में नहीं है।
उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा को लिखा कि देश को आजाद 50 वर्ष से ऊपर उम्र के नेताओं एवं युवाओं ने साथ मिलकर कराया था। अंग्रेज़ों की क्रूर हुकूमत को देश से भगा दिया था, उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए । वैसे भी सदैव कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होता था फिर बाद में कमेटी के गठन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी से सलाह तथा वरिष्ठ कांग्रेसजनों की राय ली जाती थी, परंतु इस बार नया प्रयोग किया गया है। अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ कमेटी भी थोप दी गई । जिसमें अन्य पार्टियों से आए लोगों को प्राथमिकता दी गई है । पार्टी के लोगों की उपेक्षा की गई है। इससे पहले भी उनके साथ पार्टी ने नाइंसाफी की है । 2006 में एमएलसी का टिकट देकर काट दिया गया। अब उम्र की सीमा बांधने के बाद कोई गुंजाइश बची ही नहीं है । उत्तर प्रदेश में जात-पात का बोलबाला 1979 से है। कांग्रेस नेताओं ने कमेटी में इस बिंदु पर विचार ही नहीं किया, जबकि वर्तमान समय में इसकी अति आवश्यकता है ।
BY- JAVED AHMED