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यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले नकल माफियाओं का खेल शुरू, अपना रहे ये हथकंडे

locationजौनपुरPublished: Jan 13, 2018 08:35:45 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

बोर्ड की सख्ती की काट में जुटे नकल माफिया ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है

up board exam

यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले नकल माफियाओं का खेल शुरू, अपना रहे ये हथकंडे

जावेद अहमद की रिपोर्ट…

जौनपुर. हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा पर इस बार यूपी बोर्ड का पहरा सख्त है। अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक के रूप में सरकारी शिक्षकों को परीक्षा केंद्रों पर भेजने की तैयारी है। इसका तोड़ खोजने के लिए नकल माफिया ने गोटियां बिठानी शुरू कर दी हैं। सहायता प्राप्त स्कूलों में अपने पुराने संबंधों को ताजा करना शुरू कर दिया है तो कुछ शिक्षक नेताओं से भी संपर्क करने लगे हैं। बोर्ड की सख्ती की काट में जुटे नकल माफिया ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है।
सूत्रों की मानें तो पहले तो इनका प्रयास है कि कैसे भी अपना चहेता शिक्षक ही केंद्र पर अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक बनकर आ जाए। अगर ऐसा न हो पाए और कोई दूसरा व्यवस्थापक बने तो उसे शिक्षक नेताओं के जरिए सेट कर लिया जाए। दफ्तर में भी वह यह पता लगाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं उनके यहां पर किस शिक्षक को अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक बनाया जा रहा है, लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक की सख्ती की वजह से इस सूची को गोपनीय रखा जा रहा है। लिहाजा अब स्कूल संचालकों को सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से रिश्तेदारियों एवं अपने संबंधों पर ही भरोसा है। जिसके दम पर आने वाले अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक को अपने पक्ष में किया जा सके।
कई स्कूल संचालकों ने अपने खास शिक्षकों को केंद्र पर अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक बनवाने के भी प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए उन्होंने इन्हें ही आगे किया है। चूंकि शिक्षक माध्यमिक शिक्षा विभाग से जुड़े हैं लिहाजा यह भी दौड़ लगा रहे हैं। हालांकि सख्ती के चलते स्कूल संचालकों की यह चाल कामयाब नहीं हो रही है। ज्ञात हो कि उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद से संचालित होने वाली हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की छह फरवरी से शुरू हो रही परीक्षा को इस बार नकलविहीन कराने के दावे से नकल माफियाओं में हड़कंप की स्थिति है।
सरकार की घोषणा व अभी से ही नकल रोकने की चल रही कवायद के बाद इस बार नकल के मामले में बदनाम विद्यालयों के नकल माफियाओं के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगाए जाने लगा है कि परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी करने कोई शिक्षक तक तैयार नहीं हो रहा है। हालात है कि विद्यालय संचालक ड्यूटी करने के लिए शिक्षक ढुंढते फिर रहे हैं। कक्ष निरीक्षकों के परिचय पत्र को आधार से जोड़े जाने के शासन के फरमान ने फर्जी कक्ष निरीक्षकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
परीक्षा में डंडे के बल पर परीक्षार्थियों से सुविधा शुल्क वसूल कर लाखों की कमाई करने वाले नकल माफियाओं के चेहरों पर चिंता की लकीरें अभी से दिखाई दे रही हैं। ऐसे में सरकार के मंशानुरुप परीक्षा कराने के लिए विद्यालय संचालक तैयारी में जी जान से जुट गए हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार इस बार हरहाल में नकलविहीन परीक्षा कराने की कवायद मे लगी हुई है। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहे हैं। ऐसे में देखना है कि नकल विहीन परीक्षा कराने की सरकारी योजना नकल के इस गढ़ में कितनी सफल हो पाती है।
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