संजय निषाद ने पत्रकारों से कहा कि निषाद समाज को अनुसूचित जाति की सूची में रख कर आरक्षण का लाभ देना चाहिए। अखिलेश सरकार ने इस संबंध में शासनादेश 22 दिसंबर 2016 को ही जारी कर दिया था। केंद्र सरकार अब तक उसे अमल में नहीं ला पाई। हरियाणा में भी भाजपा की सत्ता है, वहां निषाद समाज को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किया गया है तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं। आखिर डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी योगी सरकार इस पर निर्णय क्यों नहीं ले पाई। हम आर्थिक आरक्षण के भी पक्षधर हैं।
समाजवाद पार्टी हमेशा निषाद समाज की हितैषी रही है इसलिए उनके साथ गठबंधन चल रहा है। भाजपा के साथ जाने का कोई औचित्य नहीं है। आगामी चुनाव में भी हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। 20 ऐसी सीटें चिन्हित की गई हैं जहां निषाद समाज की बहुलता है। लांकि हम गठबंधन के तहत महज पांच सट ही चाहते हैं, जिनमें जौनपुर, गोरखपुर, सुल्तानपुर, सोनभद्र और महाराजगंज शामिल हैं। जौनपुर सीट पर भी इसी समीकरण को देखते हुए यहां से निषाद पार्टी का प्रत्याशी उतारे जाने की पेशकश की जाएगी। उम्मीद है कि शीर्ष नेतृत्व इस पर सहमति दे देगा।
ऐसी स्थित में धनंजय सिंह की उम्मीदवारी तय है। इसके अलावा अन्य सीटों पर पार्टी से जुड़े लोगों को टिकट दिया जाएगा। इसकी तस्वीर बाद में साफ हो जाएगी। पूर्व सांसद ने कहा कि हाल में हुए उपचुनाव में गठबंधन ने मैदान मार लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में उनके प्रत्याशी को हराना आसान काम नहीं था। इसी तर्ज पर आगामी चुनाव में भी विपक्षियों को मात देंगे। इस मौके पर एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू, डा. सूर्यभान यादव आदि उपस्थित थे।