अगर आप है शोध छात्र तो आपके लिए ये खबर, यहां से PHD किए छात्रों को नौकरी में आ रही दिक्कत
जौनपुरPublished: Nov 07, 2017 05:48:15 am
पीएचडी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थियों को टहलना पड़ रहा है
जौनपुर. वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शोध के लिए किए गए परिवर्तन से जहां अभ्यर्थियों को परेशानी हो रही है वहीं कई विषयों में पीएचडी के लिए छात्र ही नहीं मिल रहे हैं। तमाम ऐसे विषय भी है जहां पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल होने की मारा-मारी है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पीएचडी पंजीकरण का यही हाल है। पीएचडी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अभ्यर्थियों को टहलना पड़ रहा है।
बतादें कि माने तो मनोविज्ञान विषय में एक भी अभ्यर्थी उत्तीर्ण नहीं है। गणित विषय में दो-तीन अभ्यर्थी ही पास है। रसायन विज्ञान व जीव विभाग में कम ही छात्रों ने उत्तीर्ण किया है। सबसे अधिक 103 अभ्यर्थी वनस्पति विज्ञान में पास हुए हैं। इस विषय में गाइड ही कम हैं। ऐसे में शोध का पंजीकरण कराने के लिए मारी-मारा मची हुई है। जिन विषय में सबसे अधिक अभ्यर्थियों ने उत्तीर्ण किया है उसमें शिक्षा शास्त्र, भूगोल, समाजशास्त्र, ¨हदी, अंग्रेजी, बीएड, राजनीति विज्ञान जैसे विषय है। बीएड के कुछ गाइडों के लिए टीडी कालेज व राज कालेज में 100-150 अभ्यर्थियों ने आवेदन कर रखा है। बीएड में पंजीकरण कराने के लिए अभ्यर्थी किसी भी कीमत पर जाने को तैयार है। उनको लग रहा है कि पीएचडी करते ही वह शिक्षक हो जाएंगे। कुछ विषयों में तो 1.50 लाख रुपये तक की गाइडों की तरफ से सुविधा शुल्क के रूप में डिमांड किए जा रहे है। वहीं चर्चा जोरों पर है कि कुलपति शोध को सरल व सुगम करना चाहते हैं। इससे स्ववित्तपोषित अध्यापकों को भी पर्यवेक्षक बनाने की चर्चा जोरों पर है। इस बात को लेकर स्थायी शिक्षक आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि अब शोध के स्तर को किस स्तर पर ले जाया जाएगा। कुछ अभ्यर्थी शोध प्रक्रिया में बदलाव से होने वाली समस्या को लेकर उच्च न्यायालय का चक्कर काट रहे हैं।
इस बाबत पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ उपाध्यक्ष डा.अखिलेश्वर शुक्ला ने कहा कि राजनीति विज्ञान में गाइड के अंडर में पंजीकरण कराने के लिए काफी संख्या में अभ्यर्थी आ रहे हैं। वहीं शिक्षक संघ महामंत्री डा.विजय कुमार ¨सह ने कहा कि तमाम ऐसे विषय हैं जहां गाइड को अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं जैसे मनोविज्ञान, गणित, रसायन विज्ञान, जीवन विज्ञान है। कारण कि इन विषयों में अभ्यर्थी उत्तीर्ण नहीं किए हैं या कम हैं। सबसे अधिक अभ्यर्थी वनस्पति विज्ञान में उत्तीर्ण किए हैं।