बयानबाजी के सहारे भोले-भाले किसानों को बहकाने वाली सरकार की विभागीय शासन व्यवस्था भी टरकाऊ और बहकाऊ तर्ज पर काम कर रही है मरम्मत के अभाव में महीनों से डेड बड़े ट्यूबवेल सन्बन्धित अधिकारीयों व कर्मचारीयों की लापरवाही के उदाहरण हैं। दर्जनों गांँव के किसान बन्धुओं की उक्त नाराजगी को अपने शब्दों में बयान करते हुए नरौली गांँव के सम्मानित किसान एवं वरिष्ठ पत्रकार दीपनारायण सिंह ने अधिशासी अभियन्ता के खिलाफ रोष व्यक्त किये। कहीं बिजली तो कहीं यान्त्रिक खराबी के चलते कि उक्त तहसील के लगभग तीन दर्जन खराब ट्यूबवेल की स्थिति ग्राम व अंकित क्रमांक को क्रमशः दर्शाते हुए श्री सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत है कि, शिकायत सम्बन्धी दूरभाष पर काल करने पर सिर्फ रिंग होती है फोन कभी नहीं उठता।
अधिशासी अभियन्ता क्षेत्र में खोजने से भी नहीं मिलते है ग्रामीण आखिर अपनी शिकायत किससे और कहांँ दर्ज कराएं। सिंचाई के अभाव में अपनी फसलों को लेकर चिंतित किसानों ने समाचार पत्र के माध्यम से डेड पड़े हुए सरकारी नलकूपों की शिकायत को विभाग के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में डालने का प्रयास किया है जो जनहित हेतु नितान्त आवश्यक है।
खराब हुए नलकूपों में नदौली 165, अकबरपुर 107, अमिहित 190, भीतरी 186, शहाबुद्दीनपुर 199, तरियारी 09, गोबरा 184, सरौनी 125, नाऊपुर 180, नरहन 13, अव्वार 139, बांसबारी 109, मजगवाँ 62, मजगवाँ ( द्धितीय ) 147, हरिपुर 157, रसतगिया 101, बडेहरी 153, अव्वार 139, बेलाँव 37, नाऊपुर 187, चाँदपुर 88, कसली 19, बलुआ विजयीपुर 120, छतरीडीह 145, रेहटी 27, भडेहरी 156 आदि विभागीय उपेक्षा के चलते अनदेखी और लापरवाही के शिकार हैं।