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कदमरसूल निवासी आशीष यादव होटल मालिक के भतीजे का दोस्त था। वह बुधवार की शाम पैदल ही होटल पर गया था। वह काफी परेशान भी था। भतीजे ने उसे चाय पिलाई। आशीष ने कहा कि उसके पास बाइक नहीं है। वह कहीं जाएगा नहीं। रात में होटल पर ही सोएगा। इस पर उसके लिए तीसरी मंजिल पर स्थित एक कमरा खुलवा दिया गया।अगली सुबह आशीष देर तक नहीं उठा। लोगों ने उसे आवाज़ दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। घबराकर होटल वालों ने 100 नंबर पर सूचना दी। बाद में नगर कोतवाली और सरायख्वाजा पुलिस ने दरवाजा तोड़वाया तो आशीष का शव रोशनदान में बंधी रस्सी के फंदे में झूल रहा था। यह भी पढ़ें
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जानकारी होते ही आशीष के पिता वीरेंद्र यादव वहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि आशीष पढ़ लिख कर रोजगार की तलाश में था। 15 दिन पूर्व लाइनबाजार क्षेत्र के पीली कोठी के पास ठेकेदार रामनवल सिंह की हत्या में पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही थी। इसी भय से वह इधर-उधर भटक रहा था। बुधवार को सुबह वह घर पर आया और अपना मोबाइल छोड़कर चला गया। परिवार के लोग उसे काफी समझाते लेकिन उसकी मानसिक हालत नहीं सुधरी। हालांकि पुलिस ने भी अब यू टर्न ले लिया है। उसके घर दबिश देने से अधिकारी इनकार कर रहे हैं। By- Javed Ahmed