दरअसल खुटहन ब्लॉक निर्विरोध निर्वाचित सपा समर्थित ब्लॉक प्रमुख सरयू देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का खतरा मंडरा रहा था। इनकी कुर्सी बचाने के लिये पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह, शाहगंज विधायक पूर्व मंत्री शैलेन्द्र यादव ललई और बसपा के एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंशु एक हो गए। तीनों की कवायद के बाद भी सरयू देवी की कुर्सी पर खतरा कम नहीं हुआ। सरयू देवी के खिलाफ दूसरी ओर प्रतापगढ़ से अपना दल सांसद कुंवर हरिवंश सिंह अपनी पुत्रवधु नीलम सिंह प्रमुख बनवाने के लिये एंड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। उन्हें बदलापुर के बीजेपी विधायक रमेश मिश्रा का भी साथ मिल गया।
सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव के लिये वोटिंग होनी थी। इसके लिये दोनों पक्ष अपने-समर्थकों के साथ वहां मौजूद थे। इसी बीच बात बिगड़ गयी और दोनों पक्षों में पथराव शुरू हुआ, जिसके बाद फायरिंग भी की गयी। इधर ब्लॉक के पश्चिमी गेट पर पूर्व मंत्री व शाहगंज के सपा विधायक शैलेन्द्र यादव ललई अपने समर्थकों के साथ डटे थे। इसी बीच फैसला आया कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 90 में से 66 मत पड़े। इसकी खबर बाहर आते ही हालात बेकाबू हो गए। वाहनों में तोड़फोड़ शुरू हो गई। वहीं खड़ी प्रतापगढ़ सांसद हरिवंश सिंह गाड़ी भी फूंक दी गयी। पुलिस पहुंची तो फायर ब्रिगेड को बुला कर आग बुझाई गई।
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व हुए प्रमुख पद के चुनाव मे निर्दल उम्मीदवार पूर्व ब्लाक प्रमुख रमेश सिंह की पत्नी नीलम सिंह का मुकाबला सपा समर्थित सरयू देवी से सीधे होना था। मतदान के पहले ही पर्चे की जांच में अभिलेखीय अपूर्णता की बात कहते हुए नीलम का पर्चा खारिज कर दिया गया। उनके मैदान से हटते ही सरयू देवी निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख चुन ली गईं। 109 बीडीसी सदस्यों वाले खुटहन ब्लाक के प्रमुख पद पर निर्विरोध चयन विपक्षियों के गले नहीं उतरा। इसको लेकर नीलम सिंह तभी से अविश्वास प्रस्ताव लाने की ताक मे लगी रहीं। बताया गया है कि खुद हरिवंश सिंह भी अपनी पुत्रवधु को प्रमुख की कुर्सी दिलाने में जुट गए। सरकार बदलने पर बीते 14 अक्तूबर को नीलम ने 84 बीडीसी सदस्यों के समर्थन का दावा करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय मे अविश्वास लाने का दावा प्रस्तुत किया। जिसकी अग्नि परीक्षा के लिए छह नवंबर की तिथि मुकर्रर की गई। पर उधर सरयू देवी की कुर्सी बचाने के लिये बाहुबली धनंजय सिंह, सपा विधायक शैलेन्द्र यादव और बसपा एमएलसी प्रिंशु सिंह ने भी मोर्चा संभाल लिया, पर इसमें नीलम सिंह की जीत हुई और इसके बाद बवाल हो गया।
by JAVED AHMAD