आरोप है कि केराकत कोतवाली अंतर्गत एक गांव की महिला के घर बीते 28 जून को सपा नेता ने अपने गुर्गों के साथ धावा बोल दिया था। उसे और बेटे को पीटने लगे। शोर सुन कर बेटी बाहर निकल आई। दबंगों ने उसे भी नहीं बख्शा। पीड़ित परिवार का दावा है कि पिटाई करते हुए गांव वालों के सामने ही उसके कपड़े फाड़ दिये गये। पूरे गांव के सामने निर्वस्त्र युवती ने किसी तरह वहां से भाग कर अपनी इज्जत बचाई। काफी देर वहां तांडव करने के बाद सपा नेता धमकी देते हुए फिल्मी स्टाइल में निकल गए। दबंगों के जाने के बाद पीड़ित परिवार थाने पहुंच गया। आरोप है कि वहां कोतवाल शशिभूषण राय के पास पहले से ही आरोपी नेता बैठा था।
चर्चा है कि वो ही कोतावली को नियंत्रित करता है। कोतवाल भी उसी के लग्जरी वाहन से यहां-वहां जाते हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र के लोगों की शिकायतों को भी वही सुनता है। महिला नेता जी को देखते ही सहम गई। डरते हुए कोतवाल से आपबीती सुनाई, लेकिन वर्दी के नशे में धुत शशिभूषण राय ने उसकी एक भी न सुनी। उसे डांट कर कोतवाली से भगा दिया गया। इसके बाद पीड़ित परिवार पुलिस अधीक्षक से मिलने जिला मुख्यालय पहुंच गई।
वहां वो नहीं मिले तो अपर पुलिस अधीक्षक नगर अनिल कुमार पांडेय को घटना बताई। उन्होंने केराकत कोतवाल को मुकदमा लिखने का निर्देश दिया, लेकिन जब महिला कोतवाली गई तो उसका मुकदमा दर्ज करने के बजाय उसे गालियां देकर भगा दिया गया। बुधवार को फिर वो मुख्यालय पहुंची लेकिन वहां इस बार भी एसपी दिनेश पाल सिंह नहीं मिले।
यहां से फिर उसे बैरंग लौटना पड़ता। गुरूवार को पहुंचने पर वहां एएसपी ग्रामीण संजय राय मिले तो उन्होंने भी मामले की गंभीरता देखते हुए कोतवाल को जांच के निर्देश दिए। पर उनके निर्देश को दरकिनार कर दिया गया। खबर पत्रिका पर प्रकाशित हुई तो आला कमान ने कोतवाल को फटकार लगाई। कोतवाल ने पहले तो उन्हें भी गुमराह किया, लेकिन दबाव बढ़ा तो शुक्रवार को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ा।
By Javed Ahmad
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