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पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का निधन, सोनिया व राहुल गांधी के थे बेहद करीबी

locationजौनपुरPublished: Jan 13, 2018 04:38:06 pm

जिले में शोक की लहर, लोगों ने दी श्रद्धान्जली…

kamala singh

पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का निधन, सोनिया व राहुल के थे बेहद करीबी- शोक में डूबे कांग्रेसी

जौनपुर. कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद कमला प्रसाद सिंह का शनिवार की सुबह निधन हो गया कांग्रेस के दिग्गज नेता काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनकी मौत की खबर मिलते ही हुसेनाबाद कॉलोनी स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन और शोक सवेदना प्रकट करने वालो का तांता लगा गया। सांसद, पूर्व मंत्री, विधायक, एमएलसी समेत सभी दलों के नेता, कार्यकर्ता, शिक्षक जगत से जुड़ी हस्तियां, अधिकारी और पत्रकारों ने पहुंचकर श्रध्दाजंलि अर्पित की।

पूर्व सांसद कमला सिंह का काफी दिनों से वाराणसी में उपचार चल रहा था। सुबह करीब 8 बजे मनहूस खबर मिलते ही सांसद के पी सिंह, प्रतापगढ़ के सांसद हरिबंश सिंह ,पूर्व मंत्री व विधायक पारसनाथ यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष राजबहादुर यादव, एमएलसी ब्रजेश सिंह, व्यापारी नेता इन्द्रभन सिंह “इन्दू”, सपा नेता रतन सेन सिंह , कांग्रेस नेता अतुल सिंह , शिक्षक नेता राजेश सिंह , संजय सिंह ,कर्मचारी नेता निखिलेश सिंह, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व टीडी पीजी कालेज के प्रबंधक अशोक सिंह ,पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सत्येद्र सिंह “बबलू”, यशवीर सिंह “सोनू”, क्षत्रिय महासभा युवा के अध्यक्ष मनीष सिंह सोमवंशी, महामंत्री अश्वनी सिंह, जिला प्रशासन की तरफ से एसडीएम प्रियंका प्रियर्दशी थानाध्यक्ष लाईनबाजार मिथिलेश मिश्रा ने श्रध्दासुमन अर्पित किया।
एक नजर में पूर्व सांसद कमला प्रसाद

पूर्व सांसद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बेदह करीबी थे। इनका जन्म बदलापुर तहसील के शाहपुर गांव में 10 अक्टूबर 1934 में हुआ था। बाद में कमला सिंह जौनपुर शहर सीट से कांग्रेस के विधायक और सांसद चुने गये। इस कमला सिंह जौनपुर नगर के हुसेनाबाद मुहल्ले में ही रहते थे।
बता दें कि, कमला प्रसाद सिंह पढ़ाई पूरी करने के बाद कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। तभी से जनहित के लिए काम करना शुरू कर दिया। पहली बार सिंह वर्ष 1977 में कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर सदर से विधायक चुने गए थे। उस समय देश में ही नहीं बल्कि सूबे में भी कांग्रेस की हालत बेहद खराब थी। जनता दल का बोलबाल था। ये कहना भी गलत नहीं होगा कि जिस समय कमला सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे उस समय पूरे प्रदेश से कांग्रेस का तकरीबन सफाया हो चुका था। लेकिन इसके बावजूद भी उस दौर में कमला प्रसाद सिंह की ही देन थी कि जिले की दस विधानसभा सीटो में से सात सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया था।
विरोधी भी थे इस दिग्गज के मुरीद

ऐसा बहुत कम ही होता है कि अलग दल में होने के बाद भी विरोधी खेमें के लोग किसी नेता की तारीफ करें या उसके प्रशंसक हों। लेकिन कमला प्रसाद सिंह के साथ ऐसा ही था। सूबे में या केन्द्र में सत्ता किसी की भी हो पर जिले का कोई ऐसा कद्दावर नेता नहीं होता था। जो कमला प्रसाद सिंह को अपना आदर्श न मानता हो। हर खेमें में उनके प्रशंसक थे। तो हर दल में उनका सम्मान था। इतना ही नहीं वो इतने प्रभावशाली वक्ता थे कि उनके भाषण शैली का हर कोई तारीफ करता। पूर्व सांसद के निधन से जिले की राजनीति की एक मजबूत कड़ी निश्चित तौर पर टूट गई।
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