अब जेल प्रशासन भले ही पूरे मामले में लीपापोती कर रहा हो लेकिन इसी तरह के पर्देबाजी के चलते जेल में आए दिन बड़ी बड़ी घटनाए होती है। कभी धारदार हथियार मिल जाता है तो कभी नशीला पदार्थ। पुरानी यादों को ताजा किया जाय तो इसी तरह से खिड़की तोड़कर डेढ़ साल पहले भी बाल बंदी मेन दीवार तक पहुंच चुके थे। ज्ञात हो कि चोरी के आरोप में एक सप्ताह पहले चार बाल बंदी जेल में दाखिल हुए। आने के बाद से उनकी हरकत अजीबों गरीब थी।चारों ने मिलकर बैरक के बगल स्थित बाथरुम की खिड़की के सरिया को निकाल दिया और कूदकर भागने का प्रयास कर रहे थे।तभी सिपाही की नजर पड़ गयी। उसने पकड़ लिया। इस बारे में जेलर संजय सिंह से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। दो बाल बंदी थे जो बदमाशी में एक ईट निकाल दिए थे। पकड़े तो तब जाते जब वह भागते। वह वही पर खड़े थे।