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पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर लापरवाही की मार, फेल हो रही सौभाग्य विद्युतीकरण योजना!

locationजौनपुरPublished: Jul 31, 2019 09:28:31 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड द्वारा जनपद के सभी ब्लाक स्तर के ग्रामसभाओं में उक्त योजना से लाभान्वित कराने हेतु सैकड़ों ठेकेदारों से कम्पनी कार्य करवा रही है

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पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर लापरवाही की मार, फेल हो रही सौभाग्य विद्युतीकरण योजना!

जौनपुर. भारत सरकार द्वारा संचालित सौभाग्य विद्युतीकरण योजना कम्पनी की अनियमितता के चलते फेल होती नजर आ रही है। विभागीय लापरवाही का खामियाजा ठेकेदार भुगत रहे हैं जिसके चलते वह एक ही कार्य को कई बार में पूरा करा रहे हैं। बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड द्वारा जनपद के सभी ब्लाक स्तर के ग्रामसभाओं में उक्त योजना से लाभान्वित कराने हेतु सैकड़ों ठेकेदारों से कम्पनी कार्य करवा रही है।
प्रत्येक सप्ताह नियमावलियों में परिवर्तन किया जा रह है जिसके चलते अभियंताओं के साथ ठेकेदारों के बारह बज चुके हैं। सरकारी कार्यों की भांति एक ही कार्य को कई बार कराने से ठेकेदारों की कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छूट रही है। इसके चलते तमाम ठेकेदार अपने कार्यक्षेत्र के कामों को बंद करके पलायन कर चुके हैं जिसका प्रमुख कारण भुगतान को लेकर वादाखिलाफी बताया जा रहा है। जैसे मीटर लगाओ भुगतान लो, पोल लगाकर कंक्रीट कराओ भुगतान लो, फिर लाइन खींचो, ट्रांसफार्मर चार्ज करो भुगतान लो आदि।
प्रतिदिन नियम बदलने व ठेकेदारों को समय से भुगतान न करना ठेकेदारों व सरकार की योजनाओं को धता बताने की कोशिश दिख रही है। वहीं ब्लाकों पर तैनात इंजीनियरों की भी वही कुछ दशा देखने को मिल रही है। जब एक ही गांव में उन्हें उलझाकर उच्चस्थ अधिकारी उन्हें रखेंगे तो योजना के कार्यों में बढ़त कैसे और कहां होगी? सरकारी महकमे की भांति इस कम्पनी में भी सुविधा शुल्क पर कार्य होते देखे जा रहे हैं जिससे यह स्पष्ट होता दिख रहा है कि सरकार की योजना फेल हो जायेगी। ठीक से कार्य करने वाले ठेकेदार हो या इंजीनियर, यदि अधिकारी की बात नहीं माने तो चाहे सही हो या गलत, बाहर का रास्ता दिखा दिया जा रहा है। यदि औचक निरीक्षण कराया जाय तो स्पष्ट हो जायेगा कि कम्पनी से प्रभावित होकर कितने ठेकेदार अपना काम बन्द करके पलायन कर चुके हैं। कार्य अधर में लटक रहा है, इसका महज कारण कम्पनी की दोगली नीति है। ठेकेदारों व अभियंताओं का शोषण करना और येन-केन-प्रकारेण सरकार से अपना भुगतान करवाकर पलायन ही इस समय देखा जा रहा है।

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