गेट पर पहुंचने से पहले ही पुलिस वालों ने उन्हें रोकना शुरू कर दिया। इसके बाद सभी गेट के बाहर और आसपास के क्षेत्रों में जुटने लगे। भीड़ जमा हुई तो वहां पहुंची कुछ महिलाएं जबरन भीतर घुसने लगीं। कुछ तो वहीं सड़क पर लेट गईं। उनको रोकने के प्रयास में पुलिस से धक्का-मुक्की होने लगी।
कुछ ने ईंट पत्थर भी चलाये। इस पर वहां मौजूद महिला पुलिस ने सभी को खदेड़ दिया। भीतर प्रार्थना सभा तक जाने में सफलता नहीं मिली तो सभी अलग-अलग झुंड बनाकर बैठ गए। दो युवतियों ने वहीं उनकी प्रार्थना कराने का प्रयास किया तो पुलिस ने वहां से डपट कर भगा दिया। काफी अनुयायी इधर-उधर छिप कर बैठे थे कि पुलिस के हटते ही प्रार्थना शुरू कर दी जाए। हालांकि उन्हें बिना प्रार्थना किए बौरंग लौटना पड़ा। इसी दौरान क्षत्रिय महासभा ने वहां नारेबाजी और प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मांग उठाई कि उपजिलाधिकारी केराकत आकर इस प्रार्थना स्थल को सीज करें, लेकिन कोतवाल ने आश्वासन दिया कि अब यहां प्रार्थना नहीं होगी। इसके बाद महासभा के लोग वापस चले गए। भूलनडीह गांव में सक्रिय ईसाई मिशनरी ने 11 वर्षों से जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर के जिलों के 250 गांव में अपना नेटवर्क फैला रखा है। दस हजार से अधिक अनुयायी हर रविवार व मंगलवार को प्रार्थना के लिए गांव में जुटते हैं। पहले तो कुछ हिंदूवादी संगठना ने चंदवक थाने में तहरीर देने की कोशिश की किंतु पुलिस ने नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता बृजेश ने 156ध्3 के तहत दुर्गा यादव समेत 271 लोगों पर मामला दर्ज कराया। विवेचक बदलने और मुकदमे में आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस पर लीपापोती का आरोप भी लगा।