इसके तहत शहर की सूतहट्टी बाजार स्थित औलिया मस्जिद से एक जुलूस उठा है और अपने कदीमी रास्तों कोतवाली ,चाहरसू,किला रोड ,से होते हुए शाही अटाला मस्जिद पर एक जलसे की शक्ल में तब्दील गया। जुलूस में हाथों में इस्लाम का परचम और हिन्दुस्तान का परचम लेकर नौजवान बड़े ही जोश और खरोश के साथ चल रहे थे। जुलूस में हाथी ,घोड़ा और ऊट भी चल रहे थे। जूलुस में नारे ए तकबीर भी लग रहा था तो एक तरफ हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे भी बुलंद हो रहे थे। अन्जुमने बड़े ही निराले अंदाज में नाते पाक व नज्म सुना रही थी। अखाड़े अपने अपने फन का मुजाहेरा करते हुए आग,पानी ,और लकड़ी के अजीबो गरीब करतब दिखा रहे थे। सारा शहर रंग बिरंगी झालरो व गुब्बारों व झंडों से जगमगा रहा था।
औलिया सिरत कमेटी ने एक बड़ा सा पण्डाल कोतवाली के सामने लगा कर कौमी यकजहती का प्रोग्राम किया और वहां पर शहर के अमन पसंद लोग एक साथ आकर जश्न मे चार चाँद लगाये। जूलुस का आगाज सदर कमेटी ने हरी झंडी दिखाकर औलिया मस्जिद से किया। प्रोग्राम की सदारत पूर्व विधायक हाजी अफजाल अहमद ने की। प्रोग्राम की शुरुआत तिलावते कलामे पाक से कारी जिया ने की इस मौके पर औलिया सिरत कमेटी के अध्यक्ष अनवारुल हक गुड्डू ने तमाम अखाड़ों और अंजुमनों से वक्त से जुलूस में शरीक होने के लिए शुक्रिया अदा किया।
अन्जुमनो और अखाड़ो की होसला अफजाई करने के लिए उन्हें इनाम से नवाजा गया। जुलूस में शामिल सभी लोग बड़ी ही जिम्मेदारी से एक दुसरे पर नजर बनाये हुए थे। यह जश्न आका की शान में था और इस्लाम अमन का पैगाम देने वाला है इसी प्रकार का संदेश इस जुलूस के माध्यम से लोगों को दिया गया। संचालन शकील अहमद ने किया। औलिया सिरत कमेटी के कन्वीनर शम्स तबरेज आलम, जनरल सेक्रेटरी कमालुद्दीन अंसारी ,लाल मोहम्मद राईनी, शायर आकिल जौनपुरी, उस्ताद मुश्ताक अहमद, मजहर आसिफ,मास्टर तुफैल,निखलेश सिह, रुखसार अहमद, हसीन बब्लू ,शोएब अहमद अच्छू खान,कमाल आजमी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। जुलूस धीरे धीरे अटाला मस्जिद पहुंच कर एक जलसे में तब्दील हो गया।
Input – जावेद अहमद