सुजियांमऊ गांव में पूर्व प्रमुख एवं आयोजक श्रीपति उपाध्याय के आवास से 16 कहारों पर राम-रावण का युद्ध का रथ हाथी-घोड़ो ढोल-नगाड़ों के साथ उठा तो भीड़ जय श्रीराम के नारे लगाते हुए मां काली मंदिर मेला स्थल पर चल दी। युद्ध देखने के लिए हजारों की भीड़ जुटी रही। विजय दशमी पावन पर्व पर हाथी व घोड़ों के बीच रथ पर सवार रावण-राम ने घनघोर युद्ध किया। मेले में घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। युद्ध के दौरान लंकाकाण्ड का पाठ लोग कर रहे थे।
मेला आयोजक पूर्व प्रमुख श्रीपति उपाध्याय ने आये हुए लोगों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि मेले की पूर्व परम्परा का निर्वहन किया जा रहा है। डॉ. मनोज मिश्र ने बताया कि ये पूरे जनपद में अलग तरह का आयोजन है। इसमें सारी परम्परा निभाई जाती है। यहां श्री राम और लंकापति रावण का रथ घोड़े नहीं खींचते। आज भी कहार अपने कंधों पर रथ लेकर चलते हैं। बख्शा ब्लॉक प्रमुख सजल सिंह ने कहा कि यहां की विजयदशमी देख उस समय के युद्ध का आभास होता है। मेले में अभयराज उपाध्याय, डॉ. अतुल दूबे, डॉ. रामेश्वर नाथ त्रिपाठी, प्रखर दि्ववेदी, रवींद्रनाथ कृष्णानंद उपाध्याय सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
By Javed Ahmad