जामिया के मैनेजर मैलाना सैय्यदैन अहमद ने कहा कि इस तरह की हरकत बुजदिलों की निशानी है। हम इसकी निंदा करते हैं। जो सिपाही इस हमले में शहीद हुए हैं उनको श्रद्धांजलि देते हैं। देश का हर मुसलमान शहीदों के परिवार के साथ खड़ा है। मदरसे के नाजिम मौलाना तौफीक ने कहा कि जामिया हुसैनिया का जर्रा-जर्रा इस कायराना हमले के खिलाफ खड़ा है। बेहद दुख के साथ हम गुस्से में हैं। सरकार से मांग करते हैं कि इस हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। ईंट का जवाब पत्थर से देने का समय आ गया है। तभी शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी। प्रधानाचार्य मुफ्ती नजमुल हसन ने कहा कि जालिमाना हरकत की जांच कराई जाए। क्योंकि मुल्क का हर दुख-दर्द हमारा है। देश का नागरिक आपस में भाई हैं। आतंकवादियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हो कि दूसरे इससे सबक हासिल कर सकें। पड़ोसी मुल्कों की नापाक कोशिश दम तोड़ दे। भारत के खिलाफ साजिश रचने की कोई कोशिश न कर सके।
मौलाना वसीम अहमद शेरवानी ने कहा कि ये हमला तमाम हिंदुस्तानियों के लिए बहुत बड़ा हादसा है। सरकार इस पर ठोस कदम उठाए। खुफिया विभाग हर गतिविधि पर पारखी नजर रखे। जिससे मुल्क के कीमती सेना के जवानों की हिफाजत हो सके। उनकी जान व माल की सुरक्षा हो सके। उनके परिवार वालों को आंसू न बहाना पड़े। देश के लोगों से अपील है कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने वालों से दूर रहें। सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक बातों से परहेज करें। जलसे की शुरूआत तेलावते कुरान से कारी महमूद ने की। इसके बाद उन्होंने मुल्क आपसी भाईचारे पर नज्म पेश की। अंत में मौलाना मुख्तार ने मुल्क में अमन व सलामती की दुआ कराई। इस मौके पर साजिद अलीम, अनवारुल हक गुड्डू, इरशाद मंसूरी, इरशाद अनवर खान, मुफ्ती सोएब, मौलाना मसलहुद्दीन, हाफिज नेयाज, मौलाना तारिक, मौलाना जमीरूद्दीन आदि उपस्थित रहे।