उनके सुक्खीपुर स्थित आवास पर जिलाध्यक्ष इंद्रभुवन सिंह ने कहा कि नदीम जावेद ने अपनी राजनैतिक पारी की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। उनकी प्रतिभा को देखते हुए राहुल गांधी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें जौनपुर सदर सीट से प्रत्याशी घोषित किया। यहां जीत मिलने के बाद उन्होंने जिले को विकास किया। उनको पार्टी से गहरा लगाव है। उनकी तीसरी पीढ़ी पार्टी की सेवा कर रही है। यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सत्यवीर सिंह ने कहा कि नदीम जावेद पुर्वांचल की जनता की लड़ाई को राहुल गांधी जी के साथ लड़ते रहे हैं। आशा और उम्मीद है कि वे अपनी हर जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे।
राहुल गांधी ने उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी देकर जनपद को पहचान दी है। इस मौके डा. राकेश उपाध्याय, दयासागर राय, नियाज ताहिर शेखू, फैसल हसन तबरेज, मुफ्ती हासिम मेहदी, विपिन वर्मा, विकास तिवारी, सद्दाम हुसैन, ज्ञानेश सिंह, जय मंगल यादव, जितेंद्र यादव, अंकुर मौर्य, राजू गुप्ता, साजिद, मोनू, धर्मेंद्र चैहान, फहीम खान, विशाल खत्री, अजीज उल्लाह, संतोष यादव, महेंद्र यादव, लल्लू यादव, कैलेंडर बिंद आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
नदीम जावेद का पॉलिटिकल कैरियर
नदीम जावेद करीब ढाई दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। वैसे तो उनके पिता भी महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय रहे। नदीम जावेद शिबली कालेज से छात्र राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद वे जौनपुर जिला कांग्रेस कमेटी से जुड़ गए। उन्होंने यहां युवाओं को जोड़ कर कई छोटे-बड़े जन आंदोलन किए। पार्टी में बढ़ती सक्रियता को देखते हुए 1997-98 में उन्हें एनएसयूआइ का प्रदेश महासचिव बनाया गया।
फिर राष्ट्रीय छात्र संगठन का राष्ट्रीय सचिव, झारखंड का प्रभारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली प्रभारी और एनएसयूआइ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। राहुल गांधी ने युवा नेतओं की टीम खड़ी तो नदीम जावेद महासचिव पद की जिम्मेदारी मिली। वेे लगातार राहुल गांधी के दिशा-निर्देश में काम करते रहे। उन पर भरोसा करते हुए राहुल गांधी ने आल इंडिया कांग्रेस कमेटी माइनारिटी विभाग का अध्यक्ष बना दिया। जिम्मेदारी दी गई है कि यूपी समेत तकरीबन सभी प्रदेशों में अल्पसंख्यक कहीं न कहीं पार्टी से दूर हैं। उनमें पार्टी के प्रति विश्वास पैदा कर के साथ लाएं।
By Javed Ahmad
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