scriptबाजार में अब तक नहीं आई नई पुस्तकें, बच्चों की पढ़ाई बाधित | ncert book not available in market | Patrika News

बाजार में अब तक नहीं आई नई पुस्तकें, बच्चों की पढ़ाई बाधित

locationजौनपुरPublished: Apr 30, 2018 08:28:17 pm

Submitted by:

Sunil Yadav

कक्षा छह से दस व बारहवीं की पढ़ाई अभी तक ठीक से नहीं हो सकी शुरू

बाजार में अब तक नहीं आई नई पुस्तकें, बच्चों की पढ़ाई बाधित

बाजार में अब तक नहीं आई नई पुस्तकें, बच्चों की पढ़ाई बाधित

जौनपुर. जिले के परिषदीय विद्यालयों में कहने भर को पुरानी पाठ्य पुस्तकों से पढ़ाई हो रही है, लेकिन यूपी बोर्ड के विद्यालयों में इस सत्र से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू होने से पुरानी किताबें बेकार हो गई हैं। नई पुस्तकें बाजार में अभी तक नहीं आ पाई हैं। ऐसी स्थिति में पढ़ाई पर ग्रहण लग गया है।
नए सत्र के शुरुआत होने के बाद उम्मीद थी कि बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समाप्त कर शिक्षक दो अप्रैल से माध्यमिक विद्यालयों में लौटेंगे तो विधिवत पढ़ाई शुरू हो सकेगी। कक्षा छह से बारह की पढ़ाई सत्र के पहले दिन से ही गति पाने की उम्मीद थी। वहीं ग्यारहवीं की पढ़ाई हाईस्कूल रिजल्ट आने के बाद शुरू होनी है, लेकिन कक्षा छह से दस व बारहवीं की पढ़ाई अभी तक ठीक से शुरू नहीं हो सकी।
प्रदेश सरकार ने सत्र 2018-19 से सीबीएसई में प्रचलित राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद का पाठ्यक्रम लागू किया है। कक्षा छह से 12 तक 31 किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। पुस्तकों की आपूर्ति के लिए चार प्रकाशकों को अधिकृत किया गया है। पुस्तकों की कीमत 11 से 66 रुपये तक ही निर्धारित की गई है, लेकिन बाजार में अभी तक एक भी किताब नहीं पहुंची है। पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि प्रकाशकों के यहां आर्डर लगा है। माल आते ही छात्रों को किताबें उपलब्ध करा दी जाएगी। वहीं कई शिक्षकों ने स्वीकार कि किताबों के अभाव में विधिवत पढ़ाई शुरू नहीं हो पा रही है। जैसे ही किताबें आ जाएगी पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
मूल्यांकन के दौरान शिक्षक का निधन


जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान स्थित मूल्यांकन केंद्र पर कुटीर पीजी कॉलेज चक्के के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सूर्य प्रकाश मिश्र की मूल्यांकन के समय तबियत खराब होने से अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। सोमवार को अपराह्न करीब एक बजे डॉ मिश्र की तबियत अचानक खराब हो गई। सीने में तेज दर्द बताने पर मूल्यांकन प्रभारी डॉक्टर अखिलेश्वर शुक्ल, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, शिक्षकगण और विश्वविद्यालय के कर्मचारी उन्हें लेकर तुरन्त जिला अस्पताल पहुंचे जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
डॉक्टर मिश्र कुटीर पीजी कॉलेज चक्के में हिंदी विषय के एसोसिएट प्रोफेसर थे। शहर के न्यू भगवती कॉलोनी में रहने वाले डॉ मिश्र अपने पीछे दो अविवाहित पुत्री एवं पत्नी को छोड़ गए हैं। निधन की सूचना मिलने पर विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न केंद्रों पर चल रहे मूल्यांकन कार्य को शिक्षकों ने तत्काल बंद कर शोक सभा आयोजित कर मृतक आत्मा की शांति की प्रार्थना की। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने डॉ मिश्र के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त की है।अपने शोक-संदेश में कुलपति ने कहा कि अपने कार्य और व्यवहार के कारण डॉ मिश्र अत्यंत लोकप्रिय शिक्षक रहे । कुलपति ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
By- जावेद अहमद

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो