सरकार चाहे लाख दावे कर ले, लेकिन स्वास्थ विभाग अभी वेंटीलेटर पर ही चल रहा है। बुनियादी सुविधाओं का अभी यहां टोटा है । पहले तो चिकित्सक ही नदारद रहते थे अब रात में अंधेरा कायम रहता है। न बिजली है, ना ही इन्वर्टर और जनरेटर। मरीज आ जाए तो मोबाइल की टॉर्च से इलाज शुरू किया जाता है। नगर के नई आबादी डाक बंगला रोड निवासी एक परिवार के छह सदस्यों की तबियत शुक्रवार की शाम भोजन करने के बाद बिगड़ गई। सभी को उपचार के लिए राजकीय पुरुष अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजन पहुंचे तो अवाक रह गए। अस्पताल अंधेरे में डूबा था। चिकित्सक नदारद थे। उन्हें किसी भूत बंगले के एहसास हुआ। तभी एक चिकित्सक आये और मोबाइल की टॉर्च जलाकर इलाज शुरू किया।
यह भी पढ़ें- जौनपुर में पिकअप की टक्कर से बाइक सवार पिता, पुत्र और पौत्री की मौत हो गई। मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के जंघई रोड स्थित काछीडीह गांव के पास मंगलवार की तड़के ये हादसा हुआ। सभी रेलवे स्टेशन जा रहे थे। जमुनीपुर नरार गांव निवासी समर बहादुर बाइक चला रहा था।
पीछे उसके पिता अंबिकाप्रसाद बैठे थे और उसकी 5 वर्षीय पुत्री राधिका थी। तभी सामने से आ रही तेज रफ्तार मुर्गा लदी पिकअप ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में समर बहादुर की मौके पर ही मौत हो गई ।पिता और उसकी पुत्री ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। घटना की खबर परिजनों को हुई तो सभी रोते-बिलखते मौके पर पहुंचे। पिकअप चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव और वाहन को कब्जे में ले लिया।