दलित नेताओें सुप्रीम कोर्ट के फेसले पर नाराजगी दिखाई और मांग किया कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट का पूर्व की तरह लागू किया जाय। लोकतंत्र बचाओं अभियान, दलित एकता मंच, दलित विकास संघ के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाप्रशासन को सौपा गया। हालांकि, इस दौरान शहर और जिले भर की दुकाने खुली रही।
अभियान के प्रभारी निसार अहमद खान ने कहा कि यदि समय रहते इस मामले में संसद पहल नहीं करेगी तो अनुसूचित जाति व जनजाति सम्मानपूर्ण व सुरक्षित जीवन का अधिकार खो देगा। मानवाधिकार की घटनाओं में बढ़ोत्तरी होगी। हरिश्चन्द राव ने कहा कि अनुसूचित जाति उत्पीड़न के 50 प्रतिशत मामले दबाव से थानों तक नहीं पहुंच पाते, यदि इस कानून को कमजोर बना दिया जायेगा तो अनुसूचित जाति का विकास रूक जायेगा।
संजय गौतम, शिव प्रकाश , पंकज गौतम, इन्द्रजीत, रमेश गौतम आदि मौजूद रहे। इसी प्रकार केराकत तहसील में दलित समुदाय की ओर से एक जुलूस निकाला गया जो बकुलिया से होकर खड़क्सीपुर, कौसैला , भौंरा , सरायवीरू , सिहौली चैराहा होते हुये एसडीएम कार्यालय पहुंचा और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि दलित समुदाय की ओर से अपील करते हैं कि जो भी निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट में बदलाव के लिए किए हैं उसे तत्काल प्रभाव से वापस ले लें । यह लोगों को आघात पहुंचाने वाला है जिससे दलित समुदाय के लोगों में डर का भय बना हुआ है । अध्यक्ष विकास, अमित, रामधनी, सूरज, मिलन,पवन ,मनीष,चंदन आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।