उनके तीन पुत्रों में सबसे बड़े रामानंद सिंह सपरिवार वहीं रहते हैं। मझले लक्ष्मण सिंह और सबसे छोटे भरत सिंह का परिवार गांव में रहता है। मृत पंकज सिंह लक्ष्मण सिंह के तीन पुत्रों में दूसरे नंबर पर थे। बड़े पुत्र सूरज सिंह की सन 2014 में पिकनिक के लिए लखनिया दरी जाने पर गैंगवार में गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। सबसे छोटे पुत्र शक्ति सिंह गांव में ही दोना-पत्तल बनवाने का कारखाना चलाते हैं। बड़े बेटे के बाद दूसरे बेटे की हत्या से पिता लक्ष्मण सिंह गुमशुम से हो गये हैं। मां कालिदी सिंह और अन्य स्वजनों का करुण-क्रंदन पूरे गांव का माहौल गमगीन किये है। मृत पंकज सिंह की पत्नी कंचन सिंह अपने दो बच्चों आठ साल की बेटी प्रांजल उर्फ भोली व पांच साल के बेटे शौर्य प्रताप सिंह को लेकर वाराणसी के मकान पर रहती थीं।
पति की हत्या की खबर लगने के बाद बच्चों के साथ घर पहुंचीं तो शव देखते ही दहाड़े मारकर रोने लगी। बार-बार वह बच्चों से लिपटकर यही कहती थी कि बाकी जिदगी किसके सहारे गुजारेगी और कैसे उनका भरण-पोषण करेगी। पंकज सिंह सन 2015 में डोभी ब्लाक से जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ा था। उन्हें सफलता नहीं मिली थी। पंकज सिंह की हत्या के बाद बजरंग नगर बाजार में रास्ता जाम किए आक्रोशित ग्रामीणों में भारी गुस्सा दिखा। पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणांे ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।