गांव में ही बने टावर की देखभाल करने वाले विकास के मोबाइल पर रात 7:30 बजे किसी का फोन आया। वह मोटरसाइकिल लेकर जाने लगा तो पिता ने बताया कि बेटी सुमन को बुखार है। इस पर उसने बताया कि फतेहगंज बाजार जा रहा हूं। दवा भी लेता आएगा।
गांव के ही युवक सचिन के साथ मोटरसाइकिल से दवा लेने के लिए फतेहगंज बाजार गया। वहां एक निजी चिकित्सक के यहां सचिन को बैठाकर यह कहा कि अभी बाइक में तेल भराकर आ रहा हूं। घण्टे भर बीत जाने के बाद जब विकास वापस नहीं आया तो सचिन ने परिजन को सूचना दी। परिजन किसी अनहोनी की आशंका से विकास की तलाश करने लगे।
रात लगभग 9:30 बजे गांव के लोगों को बोधापुर गांव के सम्पर्क मार्ग पर एक राइस मिल के पास विकास की बाइक खड़ी होने की सूचना मिली। सूचना पाकर ग्रामीण जब वहां पहुंचे तो आस- पास के खेतों में विकास को ढूंढने लगे। थोड़ी ही देर में लोगों ने देखा कि राइस मिल के पास एक खेत में विकास पड़ा था। उसकी सांसें थम चुकी थीं। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पिता व परिजनों को समझ में ही नहीं आ रहा था कि यह क्या हो गया। कैसे विकास की मौत हो गई।
उन्होंने फोन से सूचना थाना पर दी तो थानाध्यक्ष अजीत कुमार सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। जांच में शरीर पर कहीं भी चोट नहीं दिखी। पिता ने तहरीर दी तो हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया गया। सर्विलांस टीम की मदद ली गई तो पता चला उस रात विकास की अपने ही 4 दोस्तों से बात हुई थी। सोमवार को फतेहगंज बाजार के पास से चारो को उस समय औकाद लिया गया जब वे भागने के फिराक मे थे।