प्राथमिक शिक्षा के लिए अढ़नपुर गांव के बच्चों को तीन किमी दूर कसियांव गांव में पढ़ने के लिए जाना पड़ता था। इसे गम्भीरता से लेते हुए 16 वर्ष पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान जयराम सिंह के प्रयास से इस गांव में प्राइमरी पाठशाला का निर्माण हुआ। विद्यालय का निर्माण होते ही गांव वालों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई कि अब बच्चों को गांव में ही प्राथमिक शिक्षा मिल सकेगी। परंतु बेसिक शिक्षा विभाग इस विद्यालय का निर्माण कराकर भूल ही गया।
इसके फलस्वरूप इस गांव में विद्यालय होने के बाद भी बच्चों को तीन किमी दूर कसियांव व अन्य गांवों में पढ़ने के लिए जाना पड़ रहा है। कारण चाहे जो हो 16 वर्ष के बाद भी विद्यालय का संचालन न होना बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को स्वतः दर्शाता है कि विभाग के लोग किस तरह से अपने नैतिक दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।